पार

Submitted by admin on Fri, 10/04/2013 - 16:06
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काव्य संचय- (कविता नदी)
पुल पार करने से
पुल पार होता है
नदी पार नदी होती

नदी पार नहीं होती नदी में धँसे बिना

नदी में धँसे बिना
पुल का अर्थ भी समझ में नहीं आता
नदी में धँसे बिना
पुल पार करने से
पुल पार नहीं होता
सिर्फ लोहा-लंगड़ पार होता है

कुछ भी नहीं होता पार
नदी में धँसे बिना
न पुल पार होता है
न नदी पार होती है।