वर्षा जल संग्रहण व्यक्तिगत स्तर पर करने की बजाय सामुदायिक स्तर पर करना ज्यादा कारगर होता है, क्योंकि इसमें समुदाय के लोग मिलकर क्रियान्वयन की लागत का भार उठाते हैं और दूसरे चूंकि पुनर्भरण का ढांचा कालोनी के क्षेत्र भर में फैला होता है, अत: कालोनी के कुछ घरों की बजाय पूरे क्षेत्र के भूजल का पुनर्भरण करना ही संभव होता है। पंचशील पार्क कालोनी ने समुदाय आधारित वर्षा जल संग्रहण के प्रयास से अन्य आवासीय सोसायटी के लिए एक नया मॉडल प्रस्तुत किया है।
पंचशील हाउसिंग कोआपरेटिव सोसायटी के सचिव कृष्ण सहगल ने अपने क्लब के अहाते और इस कॉलोनी के दो स्कूलों में वर्षा जल संग्रहण संबंधी तकनीकी मार्गदर्शन के लिए नई दिल्ली स्थित एक गैर सरकारी संगठन ‘सेंटर फॉर साइंस एंड इन्वायरन्मेंट’(सीएसई) से आग्रह किया। सीएसई ने उनका तकनीकी मार्गदर्शन किया और साथ ही ढांचों के क्रियान्वयन में सहायता पहुंचाई। इस परियोजना में छत और सतह के पानी को पुनर्भरण ढांचों की ओर मोड़ा गया, जो पहले से ट्यूबवेल के निकट मौजूद थे।
सितंबर 2001 में इसके क्रियान्वयन का काम पूरा हुआ। सहगल ऐसा महसूस करते हैं कि सीएसई द्वारा दिया गया डिजाइन अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा दिए जाने वाले डिजाइन से ज्यादा सस्ता पड़ता है और इसका अनुसरण करना भी आसान है। उनका आगे कहना था कि वसंत विहार में पुनर्भरण ढांचे के क्रियान्वयन पर एक लाख रुपये से ज्यादा की लागत आई, जबकि सीएसई के डिजाइन से 25 से 30 हजार का ही खर्चा हुआ। इस कार्यक्रम की सफलता के बाद सहगल पूरी कॉलोनी के भूजल का पुनर्भरण करने के लिए आगे आए। इसके लिए उन्होंने सीएसई से संपर्क किया और सीएसई ने इस परियोजना का भी डिजाइन बनाकर दिया। इसमें सिर्फ 8 लाख रुपये की लागत आई। इस परियोजना के तहत पार्कों व खेल के मैदान में पुनर्भरण के ढांचे बनवाए जाएंगे। इस कॉलोनी के विभिन्न स्थलों से बहने वाले नालों को आपस में जोड़ते हुए कुएं के पुनर्भरण की ओर मोड़ा जाएगा। इस व्यवस्था में प्रवेश करने वाले कूड़ा- करकट को रोकने के लिए कक्ष भी बनवाया जाएगा।
सहगल ने बताया कि केंद्रीय भूजल बोर्ड ने जोर बाग कॉलोनी में जो पुनर्भरण ढांचा बनाया, उस पर 15 लाख की लागत आई है, लेकिन सीएसई द्वारा प्रदान किए जाने वाले डिजाइन में काफी कम लागत पर प्रभावी ढंग से पुनर्भरण किया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि आठ लाख रुपए के बजट पर मंजूरी मिल गई है और वर्षा ऋतु से पहले ही इसके क्रियान्वयन का काम पूरा हो जाएगा।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें : श्री कृष्ण सहगल, सचिव, पंचशील हाउसिंग कोआपरेटिव सोसायटी पंचशील पार्क, नई दिल्ली फोन : 6017248 /2177
पंचशील हाउसिंग कोआपरेटिव सोसायटी के सचिव कृष्ण सहगल ने अपने क्लब के अहाते और इस कॉलोनी के दो स्कूलों में वर्षा जल संग्रहण संबंधी तकनीकी मार्गदर्शन के लिए नई दिल्ली स्थित एक गैर सरकारी संगठन ‘सेंटर फॉर साइंस एंड इन्वायरन्मेंट’(सीएसई) से आग्रह किया। सीएसई ने उनका तकनीकी मार्गदर्शन किया और साथ ही ढांचों के क्रियान्वयन में सहायता पहुंचाई। इस परियोजना में छत और सतह के पानी को पुनर्भरण ढांचों की ओर मोड़ा गया, जो पहले से ट्यूबवेल के निकट मौजूद थे।
सितंबर 2001 में इसके क्रियान्वयन का काम पूरा हुआ। सहगल ऐसा महसूस करते हैं कि सीएसई द्वारा दिया गया डिजाइन अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा दिए जाने वाले डिजाइन से ज्यादा सस्ता पड़ता है और इसका अनुसरण करना भी आसान है। उनका आगे कहना था कि वसंत विहार में पुनर्भरण ढांचे के क्रियान्वयन पर एक लाख रुपये से ज्यादा की लागत आई, जबकि सीएसई के डिजाइन से 25 से 30 हजार का ही खर्चा हुआ। इस कार्यक्रम की सफलता के बाद सहगल पूरी कॉलोनी के भूजल का पुनर्भरण करने के लिए आगे आए। इसके लिए उन्होंने सीएसई से संपर्क किया और सीएसई ने इस परियोजना का भी डिजाइन बनाकर दिया। इसमें सिर्फ 8 लाख रुपये की लागत आई। इस परियोजना के तहत पार्कों व खेल के मैदान में पुनर्भरण के ढांचे बनवाए जाएंगे। इस कॉलोनी के विभिन्न स्थलों से बहने वाले नालों को आपस में जोड़ते हुए कुएं के पुनर्भरण की ओर मोड़ा जाएगा। इस व्यवस्था में प्रवेश करने वाले कूड़ा- करकट को रोकने के लिए कक्ष भी बनवाया जाएगा।
सहगल ने बताया कि केंद्रीय भूजल बोर्ड ने जोर बाग कॉलोनी में जो पुनर्भरण ढांचा बनाया, उस पर 15 लाख की लागत आई है, लेकिन सीएसई द्वारा प्रदान किए जाने वाले डिजाइन में काफी कम लागत पर प्रभावी ढंग से पुनर्भरण किया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि आठ लाख रुपए के बजट पर मंजूरी मिल गई है और वर्षा ऋतु से पहले ही इसके क्रियान्वयन का काम पूरा हो जाएगा।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें : श्री कृष्ण सहगल, सचिव, पंचशील हाउसिंग कोआपरेटिव सोसायटी पंचशील पार्क, नई दिल्ली फोन : 6017248 /2177