मदर इंडिया ने अपने परिश्रम से बनाया तालाब
जहां एक ओर राज्य सरकार बलराम सरोवर के नाम पर करोड़ो रूपैया पानी में बहा चुकी है वहीं दुसरी ओर एक मां ने सरकारी योजनाओं को ठेंगा दिखा कर अपने परिश्रम के बल पर नरगीस और सुनीलदत्त की मदर इंडिया की याद ताजा कर दी।
उज्जैन/ उन्हेल(मध्यप्रदेश) यूएफटी न्यूज: मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव उन्हेल की एक मां ने मदर इंडिया की मिसाल कायम की है। मां ने अपने सगे बेटे के साथ मिलकर बिना सरकारी आश लगाए लगातार तीन साल सूखे की मार झेलने के बाद खुद का तालाब बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने यह संकल्प 12 बीघा जमीन बेचकर और पांच लाख रुपए कर्ज लेकर पूरा कर दिखाया। दुर्गाबाई और उनके बेटे 29 वर्षीय भेरुलाल गाजी ने सरवना उन्हेल स्थित अपनी कृषि भूमि पर नौ बीघा में दो तालाब बनाए हैं।भेरुलाल ने बताया कि 2005-08 तक इतना जलसंकट झेला कि खेती करना दुश्वार हो गया था। आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो रही थी। तभी संकल्प लिया कि अपने खेत पर तालाब बनाएंगे। संकल्प पूरा करने के लिए करीब 5 लाख रुपए कर्ज लिया और 12 बीघा जमीन भी बेची। परिवार के साथ खुद गेती-फावड़े और बाद में जेसीबी की मदद से खुदाई की। निर्माण में दो साल लगे। इस पर करीब 15 लाख रुपए खर्च हुए।
भेरुलाल के मुताबिक सूखे के वक्त मां खेत को देख रोती थी और आज गर्व से मुस्कराती है। चार बेटियों के पिता भेरुलाल का कहना है बेटियों के सपने पूरे करने के लिए आर्थिक रूप से हाथ मजबूत करने ही होंगे। आगामी चरण में वे एक-एक हेक्टेयर में आम, नीबू और अमरूद का बाग लगाएंगे। जहां एक ओर राज्य सरकार बलराम सरोवर के नाम पर करोड़ो रूपैया पानी में बहा चुकी है वहीं दुसरी ओर इस मां ने सरकारी योजनाओं को ठेंगा दिखा कर अपने परिश्रम के बल पर नरगीस और सुनीलदत्त की मदर इंडिया की याद ताजा कर दी।