उत्तराखण्ड हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सोमवार को देर रात हरिद्वार जिला प्रशासन ने स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद को ऋषिकेश एम्स से जिले के कनखल स्थित मातृ सदन पहुँचा दिया।
मालूम हो कि स्वामी सानंद को 10 जुलाई, 2018 को हरिद्वार जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए मातृ सदन से जबरन उठाकर देहरादून स्थित दून हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया था। इसके बाद स्वामी सानंद द्वारा हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 12, जुलाई, 2018 को उन्हें ऋषिकेश एम्स में दाखिल कराये जाने और स्वास्थ्य सामान्य पाए जाने पर उन्हें मातृ सदन वापस भेज देने का आदेश दिया था।
जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उन्हें एम्स प्रशासन द्वारा पूर्ण स्वस्थ बताए जाने के बाद जिले की तहसीलदार सुनैना राणा, पुलिस क्षेत्राधिकारी कनखल और थानाध्यक्ष कनखल की देखरेख में मातृ सदन पहुँचाया गया। स्वामी सानंद का अनशन अभी भी जारी है। मातृ सदन आने पर उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा उनकी माँगों को जब तक पूरा नहीं किया जाता तब तक अनशन जारी रहेगा। उन्होंने कहा “गंगा की रक्षा के लिए उन्हें अपने प्राण त्यागने तक भी अनशन करना पड़े तो भी वे इस तपस्या से पीछे नहीं हटेंगे।”
स्वामी सानंद के अनशन का आज 33वाँ दिन है। वे गंगा और उसकी सहायक नदियों पर प्रस्तावित और निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजना को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने सहित अन्य माँगों को लेकर 22 जून, 2018 से आमरण अनशन पर हैं। पिछले 33 दिनों से वे केवल शहद और नींबू पानी का सेवन कर रहे हैं। अभी उनका स्वास्थ्य सामान्य बताया जा रहा है हालांकि उनके वजन में कमी आयी है।
पेशे से इंजीनियर,आईआईटी कानपुर में प्रोफेसर और भारतीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के पहले सचिव रहे प्रोफेसर जी डी अग्रवाल सह स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने अपना सम्पूर्ण जीवन गंगा की सेवा में लगाया है। ये और इनके सहयोगियों ने कई शोधों से यह सिद्ध किया है कि गंगा जल में विलक्षण रोग निवारण क्षमता है जो विश्व की किसी अन्य नदी के जल में नहीं है।
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