पर्यावरणीय विवादों में भारत अव्वल

Submitted by RuralWater on Tue, 04/19/2016 - 16:05
Source
दैनिक जागरण, 15 अप्रैल, 2016

बड़ी आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिये भारत को तेज गति से विकास करना अपरिहार्य है, लेकिन अपने पर्यावरण को बचाना भी इसके लिये बड़ी चुनौती है। शायद इसी द्वन्द्व का परिणाम है कि यह देश पर्यावरण सम्बन्धी विवादों में दुनिया में अव्वल है। हाल ही में जारी ग्लोबल एनवायरन्मेंटल जस्टिस एटलस (ईजेए) के मुताबिक दुनिया के विभिन्न देशों में पर्यावरण सम्बन्धी टकराव के कुल 1703 मामले दर्ज किये गए हैं। इसमें से सर्वाधिक 222 केवल भारत से हैं।

कहाँ कितने मामले


1. 222 भारत
2. 114 कोलंबिया
3. 71 नाइजीरिया

राज्यों की स्थिति


1. पर्यावरण विवाद में 21 मामलों के साथ हिमाचल शीर्ष पर। ज्यादातर टकराव पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण से सम्बन्धित।
2. मणिपुर और मिजोरम छोड़कर पूर्वोत्तर के प्रत्येक राज्य में विवाद का एक मामला
3. विवाद के एक-एक मामले के साथ बिहार और हरियाणा का रिकॉर्ड भी अन्य से बेहतर
4. झारखण्ड, ओडिशा और महाराष्ट्र में भी विभिन्न मुद्दों पर टकराव की स्थिति और क्रमशः 19, 19 और 18 मामले।
5. उत्तर प्रदेश में 13, मध्य प्रदेश में 10, पंजाब में 6 और जम्मू कश्मीर में टकराव के पांच मामले दर्ज।

विवाद की वजहें


1. अधिकतर विवाद परियोजनाओं के निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों के हित और प्राकृतिक संसाधनों की अनदेखी।
2. लोगों, संस्थाओं द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का अवैध व गैरकानूनी उपयोग अथवा गैरकानूनी कब्जा

निपटारे में समस्याए


पर्यावरण विवाद के बढ़ते मामलों के निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की तर्ज पर 2010 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का गठन किया गया। हालांकि इसका फायदा नहीं हुआ। ट्रिब्यूनल ने प्रदूषण, पर्यावरण संरक्षण, गैर-कानूनी खनन, अवैध निर्माण सम्बन्धित कई मामलों में फैसला सुनाया पर आदेश का पालन नहीं किया गया।

क्षेत्रवार विवाद


जल प्रबन्धन - 60
जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को लेकर - 48
औद्योगिक विवाद - 37
ढाँचागत निर्माण - 19
खनन - 18
कचरा प्रबंधन - 17
परमाणु परियोजनाएँ - 12
खेती योग्य भूमि, जंगलों से सम्बन्धित - 8
पर्यटन - 4
पर्यावरण संरक्षण - 1