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सर्वोदय प्रेस सर्विस, सितंबर 2012
10 सितम्बर को राज्य सरकार ने ओंकारेश्वर बांध में जारी जल सत्याग्रह की मांगों को स्वीकार करते हुए ओंकारेश्वर बांध में पानी का स्तर 189 मीटर तक करने का निर्णय लिया एवं प्रभावितों को जमीन के बदले जमीन देने की घोषणा की है। परन्तु सरकार द्वारा इंदिरा सागर बांध में पानी कम करने की मांग न स्वीकार करने के कारण इंदिरा सागर परियोजना के डूब में गांव खरदना में जल सत्याग्रह जारी रहा। इंदिरा सागर परियोजना के डूब के ग्राम खरदना में गत 15 दिन से जारी जल सत्याग्रह पर सैकड़ों पुलिसकर्मियों द्वारा दमनात्मक कार्यवाही करते हुए 245 सत्याग्रहियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें 104 महिलाएं और 141 पुरुष शामिल हैं, इनमें नर्मदा आंदोलन की वरिष्ठ कार्यकर्ता सुश्री चित्तरूपा पालित भी शामिल हैं। बाद में बढ़ते जनआक्रोश के चलते शाम को इन्हें रिहा कर दिया गया। नर्मदा बचाओ आंदोलन ने सरकार के इस दमन की निंदा की। नर्मदा बचाओ आंदोलन ने विज्ञप्ति में कहा है कि आंदोलन मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर कर बांध का जलस्तर 260 मी. तक लाने की मांग करेगा। इंदिरासागर बांध के प्रभावित जमीन के अधिकार के आवेदन शिकायत निवारण प्राधिकरण के समक्ष दायर करेंगे और ओंकारेश्वर एवं इंदिरासागर बांध प्रभावितों के पुनर्वास के सभी विषयों पर आंदोलन, राज्य सरकार द्वारा बनाई गई मंत्रियों की समिति के समक्ष अपना पक्ष रखेगा।
इंदिरा सागर परियोजना के डूब के ग्राम खरदना में डूब घटाकर पहले पुनर्वास की मांग के साथ गत 15 दिन से ‘जल सत्याग्रह’ जारी रहा। गत 10 सितम्बर को राज्य सरकार ने ओंकारेश्वर बांध में जारी जल सत्याग्रह की मांगों को स्वीकार करते हुए ओंकारेश्वर बांध में पानी का स्तर 189 मीटर तक करने का निर्णय लिया एवं प्रभावितों को जमीन के बदले जमीन देने की घोषणा की है। परन्तु सरकार द्वारा इंदिरा सागर बांध में पानी कम करने की मांग न स्वीकार करने के कारण इंदिरा सागर परियोजना के डूब में गांव खरदना में जल सत्याग्रह जारी रहा। नर्मदा बचाओ आंदोलन की वरिष्ठ कार्यकर्ता सुश्री चित्तरूपा पालित जो कि 17 दिन घोघलगांव में जल सत्याग्रह में शामिल थीं, वो भी कल खरदना सत्याग्रह में शामिल हो गई। कल दोपहर से 1000 से अधिक पुलिस ने खरदना गांव को छावनी बना दिया। आज सुबह पुलिस ने कार्यवाही कर पहले पानी के बाहर के लोगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस दमन द्वारा जल सत्याग्रही गिरफ्तार
इंदिरा सागर परियोजना के डूब के ग्राम खरदना में डूब घटाकर पहले पुनर्वास की मांग के साथ गत 15 दिन से ‘जल सत्याग्रह’ जारी रहा। गत 10 सितम्बर को राज्य सरकार ने ओंकारेश्वर बांध में जारी जल सत्याग्रह की मांगों को स्वीकार करते हुए ओंकारेश्वर बांध में पानी का स्तर 189 मीटर तक करने का निर्णय लिया एवं प्रभावितों को जमीन के बदले जमीन देने की घोषणा की है। परन्तु सरकार द्वारा इंदिरा सागर बांध में पानी कम करने की मांग न स्वीकार करने के कारण इंदिरा सागर परियोजना के डूब में गांव खरदना में जल सत्याग्रह जारी रहा। नर्मदा बचाओ आंदोलन की वरिष्ठ कार्यकर्ता सुश्री चित्तरूपा पालित जो कि 17 दिन घोघलगांव में जल सत्याग्रह में शामिल थीं, वो भी कल खरदना सत्याग्रह में शामिल हो गई। कल दोपहर से 1000 से अधिक पुलिस ने खरदना गांव को छावनी बना दिया। आज सुबह पुलिस ने कार्यवाही कर पहले पानी के बाहर के लोगों को गिरफ्तार किया।