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सर्वोदय प्रेस सर्विस, जनवरी 2013
अलवर । जोहड़ पर लिखी गई पुस्तक ‘‘मेवात के जोहड़’’ का पिछले दिनों लोकार्पण सर्वोदय समाज के नेता डॉ. एसएन सुब्बाराव ने किया। इस अवसर पर पूरे मेवात में हिन्दु, मुस्लिम, सिख, इसाई एकता के लिए काम करने वाल डा. एस. एन सुब्बराव ने कहा कि पुस्तक मेवात के इतिहास और वर्तमान का दर्पण है। 19 दिसम्बर 1947 में महात्मा गांधी ने राष्ट्र के विभाजन के जहर को कम करने के लिए मेवात के मुस्लिमों को भारत में रूकने की आजादी दी थी। उन्होंने कहा था ‘‘जो लोग भारत मे रूकना चाहते हैं वो रूक सकते हैं। श्री सुब्बाराव जी ने कहा इस पुस्तक में आजादी से पहले, आजादी के आंदोलन के साथ और आजादी के बाद जो भी मेवात का घटनाक्रम है उसको बहुत ही प्रमाणित तौर पर लिखा गया है। साथ ही साथ सद्भावना के लिए रचनात्मक कार्यों को भी बहुत अच्छे से प्रस्तुत किया गया है। हरियाणा के पूर्व मंत्री खुर्शीद अहमद ने कहा कि यह पुस्तक मेवातों के व्यवहार का अच्छा खुलासा करती है। स्वामी सानन्द जी (प्रो. जी. ड़ी अग्रवाल) ने कहा कि इस पुस्तक ने मेवात के इतिहास के साथ आज के जल संकट का समाधान करने के लिए जोहड़ बनाकर मेवात की मरती और सूखती नदियों का पुनर्जीवित करने का बहुत अच्छा, सच्चा वर्णन है।
प्रो. राशिद हयात सिद्दिकी ने ‘‘मेवात के जोहड़’’ पुस्तक के बारे में कहा कि यह पुस्तक मेवात के विद्यार्थीयों और शिक्षकों को जल संरक्षण, प्रबन्धन के प्रयासों के लिए प्रेरित करने वाली है। अंत में लेखक राजेन्द्र सिंह ने राजकमल प्रकाशन के प्रति आभार प्रकट किया।
प्रो. राशिद हयात सिद्दिकी ने ‘‘मेवात के जोहड़’’ पुस्तक के बारे में कहा कि यह पुस्तक मेवात के विद्यार्थीयों और शिक्षकों को जल संरक्षण, प्रबन्धन के प्रयासों के लिए प्रेरित करने वाली है। अंत में लेखक राजेन्द्र सिंह ने राजकमल प्रकाशन के प्रति आभार प्रकट किया।