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साक्ष्य मैग्जीन 2002
बूढ़े समुद्र के पानी से
नहीं रोपा जा सकता
प्यार का नया पौधा
उसके लिए
सद्यःजात आंसू ही उर्वरा है
प्यार के नए पौधे में
फूल खिलने के लिए
नहीं सोचना चाहिए
बूढ़ी नदी के पानी से
उसके लिए सद्यःजात पसीना ही ठीक है
प्यार के नए फूलों को
कुम्हलाने से बचाने के लिए
नहीं निर्भर रहना चाहिए
ओस की बूंदों पर
उसके लिए
देना पड़े खून तो ठीक है
नहीं करनी चाहिए
किसी फल की आशा
प्यार के नए पौधे से
नहीं रोपा जा सकता
प्यार का नया पौधा
उसके लिए
सद्यःजात आंसू ही उर्वरा है
प्यार के नए पौधे में
फूल खिलने के लिए
नहीं सोचना चाहिए
बूढ़ी नदी के पानी से
उसके लिए सद्यःजात पसीना ही ठीक है
प्यार के नए फूलों को
कुम्हलाने से बचाने के लिए
नहीं निर्भर रहना चाहिए
ओस की बूंदों पर
उसके लिए
देना पड़े खून तो ठीक है
नहीं करनी चाहिए
किसी फल की आशा
प्यार के नए पौधे से