राँड़ मेंहरिया अन्ना भैंसा

Submitted by Hindi on Thu, 03/25/2010 - 12:02
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घाघ और भड्डरी

राँड़ मेंहरिया अन्ना भैंसा।
जब बिचलै तब होवै कैसा।।


भावार्थ- विधवा स्त्री और बिना स्वामी का स्वच्छंद भैंसा यदि बहक जायें तो अनर्थ ही होगा।