(1988 का अधिनयम संख्यांक 40)
{1 सितम्बर, 1988}
ब्रह्मपुत्र नदी के सदिया-धुबरी खण्ड को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित करनेका उपबन्ध करने के लिये और उक्त जलमार्ग पर पोत-परिवहनऔर नौपरिवहन के प्रयोजनों के लिये उस नदी के उक्त खण्ड के विनियमन और विकास का तथा उनसेसम्बन्धित या उनके आनुषंगिक विषयों का भी उपबन्ध करने के लियेअधिनियम
भारत गणराज्य के उनतालीसवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो:-
1. संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ
(1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम राष्ट्रीय जलमार्ग (ब्रह्मपुत्र नदी का सदिया-धुबरी खण्ड) अधिनियम, 1988 है।
(2) यह उस तारीख को प्रवृत्त होगा जो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियत करे।
2. ब्रह्मपुत्र नदी के सदिया-धुबरी खण्ड की राष्ट्रीय जलमार्ग के रूप में घोषणा
ब्रह्मपुत्र नदी के सदिया-धुबरी खण्ड को, जिसकी सीमाएँ अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं, राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया जाता है।
3. कतिपय प्रयोजनों के लिये ब्रह्मपुत्र नदी के सदिया-धुबरी खण्ड के संघ द्वारा नियंत्रण की समीचीनता के बारे में घोषणा
यह घोषित किया जाता है कि लोकहित में यह समीचीन है कि राष्ट्रीय जलमार्ग पर पोत-परिवहन और नौपरिवहन के प्रयोजनों के लिये ब्रह्मपुत्र नदी के सदिया-धुबरी खण्ड के विनियमन और विकास को, भारतीय अन्तरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1985 (1985 का 82) में उपबन्धित विस्तार तक, संघ को अपने नियंत्रण में ले लेना चाहिए।
अनुसूची
(धारा 2 देखिए)
राष्ट्रीय जलमार्ग (ब्रह्मपुत्र नदी का सदिया-धुबरी खण्ड) की सीमाएँ
सदिया के निकट ब्रह्मपुत्र नदी के साथ उसके संगम पर कुंडिल नदी के उत्तरी किनारे पर बिन्दु से ब्रह्मपुत्र नदी के पार तक खींची गई रेखा से नदी द्वीप माजुली के प्रारम्भ तक और वहाँ से नदी द्वीप माजुली के दोनों किनारों पर ब्रह्मपुत्र नदी की सभी सरणियों से होकर नदी द्वीप माजुली के अन्त तक और उसके आगे धुबरी सरिता के बहाव की दिशा में अन्तरराष्ट्रीय सीमा तक।