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दैनिक भास्कर, 20 अक्टूबर 2014
प्रशासन की अनदेखी से जनसुविधा केंद्र बने विज्ञापन एजेंसियों के लिए कमाई के अड्डे
विज्ञापन विभाग में भ्रष्टाचार जमकर व्याप्त है। दिल्ली में कई जगहों पर विज्ञापन एजेंसी कांट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी विज्ञापन प्रदर्शित कर निगम को चूना लगा रही है। शिकायत मिली है कि मथुरा रोड पर इस कंपनी को एनएचएआई से 2002 में करार हुआ था, जो 2009 में खत्म हो गया था। स्वच्छता के लिए एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहर से लेकर गांव-गांव, घर-घर शौचालय बनाने की वकालत कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, विज्ञापन एजेंसी निगम के आला अधिकारियों व नेताओं से साठ-गांठ कर मथुरा रोड पर बने जनसुविधा केंद्रों पर ताला लगाकर पैदल यात्रियों व वाहन चालकों को खुले में शौच करने के लिए मजबूर कर रही हैं। विज्ञापन एजेंसियां इन टॉयलटों की चहारदीवारियों पर विज्ञापन लगाकर प्रति माह लाखों की कमाई कर रही हैं।
विज्ञापन एजेंसी के करार को 2009 के बाद दो बार एक्सटेंशन मिला है। एक्सटेंशन का पेपर संबंधित विभाग को ही दिखा सकता हूं। - सुधीर हरियाल, प्लेनेट एडवरटाइजिंग
वाहन चालकों व पैदलयात्रियों को जनसुविधा प्रदान करने के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने प्लेनेट एडवरटाइजिंग कंपनी को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप योजना के तहत करार किया था। करार के अनुसार विज्ञापन एजेंसी को टॉयलेट का रख-रखाव करना था और कंपनी को टॉयलेट की चहारदीवारियों पर विज्ञापन लगाने का अधिकार दिया गया था। इसमें नियम यह भी है कि विज्ञापन को टॉयलेट की दीवारों पर लगाना है लेकिन विज्ञापन एजेंसी ने आश्रम चौक से लेकर कई जगह पर शौचालय की दीवार से अधिक साइज में विज्ञापन लगा रखा है जो नियमों के विरुद्ध है।
विज्ञापन विभाग में भ्रष्टाचार जमकर व्याप्त है। दिल्ली में कई जगहों पर विज्ञापन एजेंसी कांट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी विज्ञापन प्रदर्शित कर निगम को चूना लगा रही है। शिकायत मिली है कि मथुरा रोड पर इस कंपनी को एनएचएआई से 2002 में करार हुआ था, जो 2009 में खत्म हो गया था। बाद में इस रोड को एनएचएआई ने पीडब्ल्यूडी को हस्तांतरित कर दिया था। रोड किसी भी एजेंसी के पास हो विज्ञापन का सारा अधिकार निगम के पास है। शौचालय पर ताला लगाना गंभीर मामला है। एडिशनल कमिश्नर से इसकी जांच करावाकर कार्रवाई की जाएगी। खुशी राम, महापौर, दक्षिणी निगम
विज्ञापन विभाग में भ्रष्टाचार जमकर व्याप्त है। दिल्ली में कई जगहों पर विज्ञापन एजेंसी कांट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी विज्ञापन प्रदर्शित कर निगम को चूना लगा रही है। शिकायत मिली है कि मथुरा रोड पर इस कंपनी को एनएचएआई से 2002 में करार हुआ था, जो 2009 में खत्म हो गया था। स्वच्छता के लिए एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहर से लेकर गांव-गांव, घर-घर शौचालय बनाने की वकालत कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, विज्ञापन एजेंसी निगम के आला अधिकारियों व नेताओं से साठ-गांठ कर मथुरा रोड पर बने जनसुविधा केंद्रों पर ताला लगाकर पैदल यात्रियों व वाहन चालकों को खुले में शौच करने के लिए मजबूर कर रही हैं। विज्ञापन एजेंसियां इन टॉयलटों की चहारदीवारियों पर विज्ञापन लगाकर प्रति माह लाखों की कमाई कर रही हैं।
विज्ञापन एजेंसी के करार को 2009 के बाद दो बार एक्सटेंशन मिला है। एक्सटेंशन का पेपर संबंधित विभाग को ही दिखा सकता हूं। - सुधीर हरियाल, प्लेनेट एडवरटाइजिंग
किस शर्त पर बने थे टॉयलेट
वाहन चालकों व पैदलयात्रियों को जनसुविधा प्रदान करने के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने प्लेनेट एडवरटाइजिंग कंपनी को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप योजना के तहत करार किया था। करार के अनुसार विज्ञापन एजेंसी को टॉयलेट का रख-रखाव करना था और कंपनी को टॉयलेट की चहारदीवारियों पर विज्ञापन लगाने का अधिकार दिया गया था। इसमें नियम यह भी है कि विज्ञापन को टॉयलेट की दीवारों पर लगाना है लेकिन विज्ञापन एजेंसी ने आश्रम चौक से लेकर कई जगह पर शौचालय की दीवार से अधिक साइज में विज्ञापन लगा रखा है जो नियमों के विरुद्ध है।
कार्रवाई की जाएगी
विज्ञापन विभाग में भ्रष्टाचार जमकर व्याप्त है। दिल्ली में कई जगहों पर विज्ञापन एजेंसी कांट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी विज्ञापन प्रदर्शित कर निगम को चूना लगा रही है। शिकायत मिली है कि मथुरा रोड पर इस कंपनी को एनएचएआई से 2002 में करार हुआ था, जो 2009 में खत्म हो गया था। बाद में इस रोड को एनएचएआई ने पीडब्ल्यूडी को हस्तांतरित कर दिया था। रोड किसी भी एजेंसी के पास हो विज्ञापन का सारा अधिकार निगम के पास है। शौचालय पर ताला लगाना गंभीर मामला है। एडिशनल कमिश्नर से इसकी जांच करावाकर कार्रवाई की जाएगी। खुशी राम, महापौर, दक्षिणी निगम