मध्य उच्चस्तरी मेघ
आकाश में मध्यम ऊँचाई पर सतत रूप में फैली हुई बादलों की पतली परत जिसका रंग नीला या भूरा होता है। बादल की सघनता अधिक होने के कारण सूर्य तथा चंद्रमा स्पष्ट नहीं दिखाई पड़ते हैं। ये मेघ अधिक ऊँचाई वाले पक्षाभस्तरी मेघों (cirrostratus cloud) के लगभग समान ही दिखाई पड़ते हैं और धीरे-धीरे ऊपर उठकर उनमें विलीन भी हो जाते हैं। इन मेघों के द्वारा सूर्य या चंद्रमा के चारों ओर प्रभामंडल नहीं बनते हैं। इन मेघों से क्रमिक तथा लगातार वर्षा भी होती है।
भूरे रंग के मेघों की सामान्यतः एक विस्तृत और एकसार चादर जिसके अंदर से सूर्य इस प्रकार दिखाई देता है जैसे किसी घिसे कांच में से दीखता है। किसी अवदाब के आगमन से संबंधित होने के कारण ये मेघ प्रायः वर्षाकाल की पूर्वसूचना देते हैं।
आकाश में मध्यम ऊँचाई पर सतत रूप में फैली हुई बादलों की पतली परत जिसका रंग नीला या भूरा होता है। बादल की सघनता अधिक होने के कारण सूर्य तथा चंद्रमा स्पष्ट नहीं दिखाई पड़ते हैं। ये मेघ अधिक ऊँचाई वाले पक्षाभस्तरी मेघों (cirrostratus cloud) के लगभग समान ही दिखाई पड़ते हैं और धीरे-धीरे ऊपर उठकर उनमें विलीन भी हो जाते हैं। इन मेघों के द्वारा सूर्य या चंद्रमा के चारों ओर प्रभामंडल नहीं बनते हैं। इन मेघों से क्रमिक तथा लगातार वर्षा भी होती है।
भूरे रंग के मेघों की सामान्यतः एक विस्तृत और एकसार चादर जिसके अंदर से सूर्य इस प्रकार दिखाई देता है जैसे किसी घिसे कांच में से दीखता है। किसी अवदाब के आगमन से संबंधित होने के कारण ये मेघ प्रायः वर्षाकाल की पूर्वसूचना देते हैं।