किसी स्थान पर होने वाली वर्षा को मापने के लिए प्रयुक्त होने वाला एक साधारण यंत्र। एक साधारण प्रकार के वर्षामापी में पीतल या अन्य धातु की एक बेलन स्टैंड पर संलग्न होती है जिसके ऊपर एक कीप (funnel) लगी होती है। कीप में गिरने वाला वर्षा का जल बेलन के भीतर स्थित एक नली में एकत्रित होता है। कीप के मुँह का आकार नली के मुँह के आकार से 10 गुना बड़ा होता है अतः नली में एकत्रित ऊंचाई वास्तविक वर्षा की मात्रा से 10 गुना अधिक होती है।
ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे वर्षा की न्यून मात्रा को भी सुगमतापूर्वक तथा ठीक प्रकार से मापा जा सके। नली में दूरी अंकित छड़ डालकर वर्षा की मात्रा ज्ञात कर ली जाती है। एक अन्य प्रकार के वर्षामापी में बेलन के भीतर (कीप के नीचे) एक बर्तन रखा रहता है जिसमें वर्षा का जल संचित होता रहता है। बर्तन में एकत्रित जल को मापनी अंकित जार में डालकर वर्षा की मात्रा ज्ञात कर ली जाती है। वर्षामापी को किसी खुले स्थान या मकान की छत पर रखा जाता है जहाँ वर्षा जल के एकत्रित होने में कोई अवरोध न हो। आजकल अधिकांश मौसम केंद्रों पर स्वतःलेखी मापकों का प्रयोग किया जाता है जैसे हाइटोग्राफ (hyetograph) और वर्षा लेखी (pluviograph) ।
ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे वर्षा की न्यून मात्रा को भी सुगमतापूर्वक तथा ठीक प्रकार से मापा जा सके। नली में दूरी अंकित छड़ डालकर वर्षा की मात्रा ज्ञात कर ली जाती है। एक अन्य प्रकार के वर्षामापी में बेलन के भीतर (कीप के नीचे) एक बर्तन रखा रहता है जिसमें वर्षा का जल संचित होता रहता है। बर्तन में एकत्रित जल को मापनी अंकित जार में डालकर वर्षा की मात्रा ज्ञात कर ली जाती है। वर्षामापी को किसी खुले स्थान या मकान की छत पर रखा जाता है जहाँ वर्षा जल के एकत्रित होने में कोई अवरोध न हो। आजकल अधिकांश मौसम केंद्रों पर स्वतःलेखी मापकों का प्रयोग किया जाता है जैसे हाइटोग्राफ (hyetograph) और वर्षा लेखी (pluviograph) ।
अन्य स्रोतों से
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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