बिहार में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) ने कहा कि वह जल्द ही इस खतरे से निपटने के लिए एक कार्य योजना प्रकाशित करेगें । मीडिया से बात करते हुए बीएसपीसीबी के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष ने कहा कि राज्य की वायु गुणवत्ता में सुधार देखने के लिए कुछ वर्षों तक लगातार प्रयासों की आवश्यकता है।उन्होंने कहा "हम राज्य में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सड़क और भवन निर्माण, कृषि, पर्यावरण और शहरी विकास सहित विभिन्न विभागों के साथ समन्वय कर रहे हैं। राज्य के कई शहरों में वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर गंभीर चिंता का विषय है। वायु गुणवत्ता में सुधार देखने के लिए हमें कुछ वर्षों तक लगातार प्रयास करने की जरूरत है। बीएसपीसीबी जल्द ही राज्य में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सभी हितधारकों के लिए अपनी कार्य योजना लेकर आएगा।
नई कार्य योजना में पटना, मुजफ्फरपुर और गया जैसे गैर-प्राप्ति वाले शहरों को भी शामिल किया जाएगा श यदि वे लगातार पांच साल की अवधि में पीएम 10 (पार्टिकुलेट मैटर जो 10 माइक्रोन या व्यास में कम है) या NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) के लिए राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों (NAAQS) को पूरा नहीं करते हैं।तो उन शहरों को गैर-प्राप्ति घोषित किया जाएगा। ट्रान्सपोर्टेशन के दौरान निर्माण सामग्री को ढंकना, भवन निर्माण के लिए अनिवार्य ग्रीन शील्ड, हरित पट्टी का विकास, ई-वाहनों को बढ़ावा देना और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन का उपयोग, वाहन उत्सर्जन की कड़ी जांच और स्मॉग गन का उपयोग कुछ ऐसे कदम हैं जिन्हें कार्य योजना में शामिल किया गया है, उ त्तर बिहार के विभिन्न शहरों बक्सर, कटिहार, सीवान, दरभंगा और बेतिया में वायु प्रदूषण का स्तर तक काफी बढ़ गया है ।
उन्होंने कहा,
"मुझे पता है कि 24 नवंबर को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के संकलित आंकड़ों के अनुसार राज्य के कम से कम 10 शहर देश के 13 सबसे प्रदूषित शहरों में से थे।" सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक उस दिन मोतिहारी, पूर्णिया और बेतिया का एक्यूआई बढ़कर 448, 417 और 406 हो गया था।"
बीएसपीसीबी के सदस्य सचिव एस चंद्रशेखर ने कहा सिन्धु-गंगा का मैदान बड़े पैमाने पर एयरोसोल लोडिंग का सामना करता है। बिहार में एयरोसोल लोडिंग भी कई शहरों में कुछ हद तक वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है ऐसे में लोगों को स्वच्छ हवा मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे है एरोसोल लोडिंग हवा में ठोस और तरल कणों से होता है जिसमे धूल, धुआं और धुंध शामिल होते है