आदतें बदलने पर दिया जाये जोर

Submitted by editorial on Sun, 09/16/2018 - 15:47
Source
दैनिक जागरण, 16 सितम्बर, 2018
ईज्जत घरईज्जत घर (फोटो साभार - डाउन टू अर्थ)वह क्या चीज है जिससे लोगों का व्यवहार बदलता है? क्या वह सामाजिक दबाव है? या फिर जुर्माने का डर? या फिर यह सब कुछ और इससे भी ज्यादा? यह नीति-निर्माताओं के लिये लाख टके का सवाल है। बात करते हैं शौचालयों की। लोगों को शौचालय बनवाने और उसका इस्तेमाल करने के लिये तैयार करना बड़ी चुनौती बन गई है। महात्मा गाँधी ने कहा था कि स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा जरूरी है।

स्वच्छता की कमी के चलते नवजात शिशु अपनी जान गवाँ रहे हैं। बच्चे अपनी उम्र के अनुपात में ठिगने कद और कम वजनी रह जाते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है। अच्छी बात यह है कि भारत सरकार ने 2 अक्टूबर, 2019 यानी गाँधी जी के 150वें जन्मदिन तक देश को खुले में शौच मुक्त करने का लक्ष्य रखा है।

कई वर्षों तक शौचालय निर्माण की निष्फल योजनाओं के बाद सरकार ने शौचालयों के निर्माण को नहीं बल्कि उनके अधिक इस्तेमाल को लक्ष्य बनाया है। अलग शब्दों में कहें तो लोगों को अपने व्यवहार में बदलाव लाकर शौचालयों का प्रयोग शुरू करना होगा। असल में सरकार भी अब शौचालयों की संख्या नहीं बल्कि उनका इस्तेमाल करने वाले लोगों का आँकड़ा जुटा रही है। और यह कोई छोटा बदलाव नहीं है।

एक के बाद एक रिपोर्ट बताती हैं कि शौचालयों का निर्माण तो होता है पर इस्तेमाल नहीं होता। 2015 में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में सामने आया कि सरकारी कार्यक्रमों के तहत बने 20 फीसद शौचालयों पर ताला लगा रहा या वे स्टोर रूम की तरह इस्तेमाल होते रहे।

2015 में नेशनल सैम्पल सर्वे (national sample survey) ने देश के 75 जिलों में 75 हजार घरों में शौचालयों का इस्तेमाल पाया। परिणाम एकदम अलग थे। केरल, हिमाचल और सिक्किम समेत कई राज्यों में 90-100 फीसद शौचालयों का इस्तेमाल हो रहा था। लेकिन कई राज्यों में इनका इस्तेमाल कम था।

आर्थिक रूप से गरीब राज्य झारखण्ड में शौचालयों का इस्तेमाल सिर्फ 20 फीसद था। यहाँ तक कि प्रगतिशील माने जाने वाले तमिलनाडु राज्य में भी शौचालय का इस्तेमाल मात्र 39 फीसद था। फिर शौचालयों का इस्तेमाल कैसे बढ़ेगा? लोगों के व्यवहार में बदलाव कैसे आएगा? यह कोई समाजशास्त्र का सवाल नहीं है। यह विकास की राजनीति पर आधारित सवाल है।

इस बारे में मेरे जिन साथियों ने पड़ताल की, उन्होंने पाया कि राज्य सरकारें देश को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लक्ष्यों को पाने के लिये लोगों को शर्मिंदा कर रहे हैं। राज्य पूरा जोर लगा रहे हैं कि खुले में शौच को समाज में अस्वीकार कर दिया जाये।

शौचालयों के इस्तेमाल के मामले में सफल राज्य हरियाणा, पूरी तरह निष्फल रहा उत्तर प्रदेश और औसत रहे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व कई अन्य राज्यों, ने बिल पास किया है जिसके तहत सिर्फ वही व्यक्ति पंचायत चुनाव लड़ सकता है जिसके घर में शौचालय हो और उसका इस्तेमाल होता हो।

कई जिले इस सोच को आगे ले जा रहे हैं और खुले में शौच करने वालों को शर्मिंदा कर रहे हैं, उनकी तस्वीरें गाँव की सूचना पट्टियों पर लगा रहे हैं, उनके राशन कार्ड निरस्त कर रहे हैं और उनसे सरकारी सुविधाएँ छीन रहे हैं।

ऐसी तमाम बातें भी पूरी तरह से खुले में शौच करने की प्रवृत्ति को स्पष्ट नहीं करतीं। आखिरकार लोग शौचालयों में पैसा लगाने से पहले मोबाइल फोन और साइकिल खरीदते हैं। इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा की जानी जरूरी है। लोगों का व्यवहार बदलने के उपक्रमों पर निवेश किया जाना चाहिए। इसका मतलब यह है कि साफ-सफाई की कमी से होने वाली बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये बहुत कुछ किया जाना होगा।

आज सरकार का स्वच्छ भारत अभियान भी इस बात को स्वीकार करता है और लोगों को जानकारी व शिक्षा देने और जागरूक करने के मद में राशि भी आवंटित करता है। लेकिन सरकार का 2016-17 का आँकड़ा बताता है कि इस मद में आवंटित हुई 8 फीसद राशि में से सिर्फ 0.8 फीसद खर्च हुई। यह भी साफ है कि शौचालयों के निर्माण में लगने वाली राशि में छूट देना काफी नहीं है। लोगों का व्यवहार बदले इसके लिये उन्हें कई प्रकार के फायदे देने होंगे।

अवैध कॉलोनियों जैसे अन्य क्षेत्रों में सरकार को वहन करने योग्य सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करना होगा जिनकी साफ-सफाई भी होती रहे। यानी सरकार को शौचलयों और पानी की आपूर्ति के बीच गहरे सम्बन्ध को भी समझना होगा।


TAGS

Cleanliness is more important than freedom, sanitation is more important than independence meaning in hindi, sayings on cleanliness by mahatma gandhi, gandhi's views on cleanliness essay, sanitation is more important than independence in hindi, mahatma gandhi swachh bharat abhiyan, story of gandhiji on cleanliness, mahatma gandhi quotes on cleanliness in english, mahatma gandhi quotes on swachh bharat, mahatma gandhi quotes on cleanliness in english, mahatma gandhi started swachh bharat abhiyan, sayings on cleanliness by mahatma gandhi, mahatma gandhi swachh bharat abhiyan, mahatma gandhi quotes on cleanliness in hindi, gandhi's views on cleanliness essay, quotes on cleanliness by famous personalities, thought on cleanliness in english, Habit of hygiene, personal hygiene for kids, types of hygiene, importance of personal hygiene, personal hygiene tips for students, benefits of personal hygiene, 10 personal hygiene practices, health and hygiene essay, personal hygiene checklist, national sample survey pdf, national sample survey organisation (nsso) was established in, national sample survey organisation wiki, national sample survey organisation was established in, national sample survey jobs, national sample survey annual return form, nsso survey 2017, nsso recruitment, diseases caused by poor hygiene and sanitation, causes of poor personal hygiene, infant mortality rate india, 10 diseases caused by lack of sanitation, every 90 seconds a child dies from a water-related disease, poor hygiene facts, infant mortality definition, infant mortality rate in india 2017, Maximum use of toilets, types of toilet flush systems, flush toilet, types of toilet systems, toilet definition, who invented the flush toilet, toilet wiki, how much water does a toilet use per flush in litres, how much water does a dual flush toilet use, Toilets in 75 thousand homes, government toilet subsidy, toilets in bihar, toilet scheme in india, number of toilets built under swachh bharat abhiyan, toilets constructed in bihar, india toilet statistics 2017, number of toilets built in india, 850000 toilets in bihar, toilets constructed in bihar, bihar toilet record, 8.5 lakh toilet in bihar, toilet yojana in bihar, Sanitation talk, examples of sanitation, importance of sanitation, types of sanitation, what is environmental sanitation, five importance of sanitation, health and sanitation articles, sanitation and hygiene, importance of sanitation in public health, examples of sanitation, importance of sanitation, what is environmental sanitation, types of sanitation, five importance of sanitation, what is sanitation, why is sanitation important, health and sanitation articles.