अनूपपुर (मध्यप्रदेश) में जल सम्बन्धी समस्याओं व इसके विविध आयामों पर चर्चा करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक बैठक 21-22 सितंबर 2021 को आयोजित की गयी। जिसमें चर्चा के बाद निम्न प्रस्ताव पारित किया गया।
आज पानी का संकट गहराता जा रहा है, जो गंभीर चिंता का विषय है। इस समस्या पर गंभीरता से काम होना चाहिए, पर गंभीरता कहीं दिखती नहीं है। जबकि पीने के पानी की तीव्र समस्या से घिरे दुनिया में भारत की स्थिति केवल अफ्रीका के रेगिस्तानी सूखे प्रदेशों से ही बेहतर है। ऐसे गंभीर जलसंकट के 13 मुल्कों में भारत का नाम है, जिनको इसी दशक में पानी की भीख मांगनी पड़ेगी। आने वाले 2030 तक देश की 40 प्रतिशत आबादी पीने के पानी से वंचित होगी।
इस समस्या पर सरकार व समाज को काम करने की बहुत आवश्यकता है। हम महसूस करते हैं कि पर्यावरण के संकट का सीधा परिणाम पानी का संकट है। पानी की समस्या के तीन आयाम हैं - प्राकृतिक जलस्रोत, इसके संग्रह और उपयोग के लिए उठाये गए कदम और इसके दुष्प्रभाव, तीसरा वितरण व्यवस्था। हम मानते हैं कि हम तीनों आयाम पर नाकाम रहे हैं, और हमारे देश में पानी से जुड़े कई क्षेत्र जैसे कृषि, मछुआरे, वन संरक्षण, स्वास्थ्य इससे सीधे प्रभावित होते हैं। इतना ही नहीं इस क्षेत्र में कार्य करने वाले देश के नागरिक व उपभोक्ता सीधी तरह प्रभावित होते है।
ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने से ग्लेशियर पिघल रहें हैं, इससे धरती का संतुलन ही बिगड़ रहा है और पानी की समस्या और गम्भीर हो रही है। ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम क्लाइमेट चेंज के रूप में आ रहा है, इससे समुद्र का तल व तापमान दोनों बढ़ रहा है। तटीय इलाकों के लिए यह गम्भीर खतरा तो है ही, इससे बाढ़ व सुखाड़ की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। यह सब जानते हुए भी हमने देश में तथाकथित विकास के लिए पूंजीवादी मॉडल अपनाया है। जिसका उद्देश्य मुनाफे के लिए प्राकृतिक संपदा का दोहन करना है। आज हम जो विकास देखते हैं, वह हमारे जल, जंगल, जमीन के विनाश पर खड़ा है।
भूजल निरंतर प्रदूषित होते हुए समाप्ति की तरफ जा रहा है। नदियाँ-तालाब सूखने लगे हैं और हम आज भी बांध बनाने में लगे हैं, पनबिजली के पीछे भाग रहे हैं।
पानी को सरकार व कॉर्पोरेट ने अब वस्तु (कमोडिटी) मान लिया है, हम इसे नकारते हैं। पानी जीवन की अनिवार्य आवश्यकता है और इस पर सभी का अधिकार है। हर एक व्यक्ति को साफ पीने का पानी बिना मूल्य का मिलना चाहिए। पीने का पानी बेचने की चीज भी नहीं है। इस बैठक का मानना है कि इसके लिए लोगों को मिलकर सरकार पर दबाव बनाना चाहिए।
अनूपपुर की यह बैठक सभी व्यक्तियों/ संगठनों/ समूहों/ सामाजिक कार्यकर्ताओं से अनुरोध करती है कि पानी का मुद्दा एक वर्ग का नहीं है। इसलिए सभी को मिलकर अभियान चलाना चाहिए। हम यह भी निर्णय करते है कि अपने-अपने क्षेत्र में विविध श्रेणियों में कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को इकट्ठा कर संयुक्त रूप से पानी के लिए अभियान व आंदोलन चलाएंगे।
हमारी मांगे निम्न है-
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सभी को मुफ्त (निःशुल्क) पीने का पानी मिले। पीने का पानी बेचने को मानवता व हमारी संस्कृति के विरुद्ध अपराध घोषित किया जाए।
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जल संरचनाओं को लीज पर नहीं दिया जाए।
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कमर्शियल एक्वाकल्चर बंद हो।
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सभी नदियों को अविरल बहने दिया जाए।
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नदी जोड़ योजनाएं अप्राकृतिक व विनाशकारी है इसे हम लोग ख़ारिज करते है।
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हर नदी की अपनी प्रकृति होती है, इन्हें जोड़ने से नदियों के जैविक परिवेश को भारी नुकसान पहुंचेगा और हमारी जलीय जीव सृष्टि का विनाश हो जाएगा।
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हम बांधों व तटबंधों की डी-कमीशनिंग करने की मांग करते हैं।
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शहरों से निकलने वाले सीवरेज पानी को ट्रीटमेंट कर सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाए।
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सभी नगर निकायें वर्षा जल को संचित कर जल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की तरफ बढ़ें।
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नैसर्गिक एवं सार्वजनिक जल संरचनाओं को सार्वजनिक/ निजी/ कार्पोरेट्स द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण को मुक्त कराकर उन्हें संरक्षित व संवर्धित किया जाए।
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नई व पुरानी जल संरचनाओं के निर्माण में वैज्ञानिक तरीके अपनाए जाएं और पुरानी जल संरचनाओं के पुनरुद्धार करते समय उसकी सदियों से चली आ रही बनावट को हानि पहुंचाए बिना उसकी क्षमता का विस्तार किया जाए ताकि उसमें जमा जल से सिंचाई इत्यादि जरूरतों को पूरा किया जा सके।
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नदियों व समुद्र के किनारे जल प्रवाह के मार्गों में अतिक्रमण पर रोक लगे। उसमें बनने वाली सभी संरचनाओं में चाहे वो निजी हो या कॉर्पोरेट या सरकार की यदि अवरोध पैदा करती हैं तो उस पर रोक लगे।
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जहाँ नदियाँ सूख रही हैं, उन क्षेत्रों में गहरे भू-जल दोहन पर रोक लगाते हुए वहां वर्षा जल का समुचित प्रबंधन/नियोजन करना चाहिए।
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जलाधिक्य वाले क्षेत्रों को छोड़कर, जहाँ वर्षा औसत होती है या उससे कम होती है, उन सभी क्षेत्रों में गांव का पानी गांव में स्वावलम्बी तरीके से नियोजित करना चाहिए।
यह अनूपपुर घोषणा है इसे व्यक्ति/संगठन/समूह सार्वजनिक रूप से, जैसे चाहे उपयोग कर सकते हैं।