जल संरक्षण के लिए बनाई गई 65 करोड़ की कार्ययोजना
तेजी से रसातल की ओर जा रहे भू-जल स्तर को उपर लाने के लिए जनता को पानी की एक-एक बूंद का महत्व समझना होगा। जनता पानी के महत्व को नहीं समझेगी तो बालाघाट जिले में ही नहीं पूरे विश्व में हाहाकार मच जायेगा और हमारी यह वसुंधरा मानव जाति के रहने लायक नहीं बचेगी। आज समाज के सभी वर्गो को पृथ्वी और उसके पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूक बनने की जरूरत है। जनता आज पानी की एक एक बूंद बचायेगी तभी हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित रह सकेगा। यह बातें सांसद श्री गौरीशंकर बिसेन ने 22 अप्रैल को बालाघाट विकासखंड के ग्राम पाथरवाड़ा में जिला स्तरीय जलाभिषेक सम्मेलन में उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने जलाभिषेक अभियान की शुरूवात करते हुए ग्राम पाथरवाड़ा में 49 लाख 80 हजार रू. की लागत से तालाब जिर्णोद्वार कार्य के लिए भूमि पूजन भी किया। इस अवसर पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री दिनेश पटेल , जनपद पंचायत बालाघाट के अध्यक्ष श्री रामकिशोर कावरे , कलेक्टर श्री गुलशन बामरा , जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर. के. त्रिपाठी , विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं बडी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद श्री बिसेन ने अपने संबोधन में कहा कि बालाघाट जिला इस मामले में सौभाग्य शाली है कि यहां पर 60 से 70 फीट की गहराई पर अब भी पर्याप्त पानी मिल जाता है। जबकि मालवा एवं राजस्थान के ईलाके में 800 फीट की गहराई पर भी पानी नही मिलता है। बालाघाट जिले के भू जल स्तर को और नीचे जाने से बचाने के लिए जनता की सहभागिता से जिले में छोटे छोटे तालाब ,स्टाप डेम , बोरी बंधान ,मेढ बंधान , कन्टूर ट्रेंच , परकोलेशन टेंक आदि बनाना होगा। उन्होने पेंडो का वर्षा से संबंध बताते हुए कहा कि ग्रामीण जनता निस्तार के लिए पेंड तो काटती है लेकिन उसके बदले नये पेंड नही लगाती है। ग्रामीणो को अपनी इस मानसिकता को बदलकर आने वाली पीढ़ी के लिए अधिक से अधिक पेंड़ लगाना चाहिए। उन्होने कहा कि जल संरक्षण के कार्यो के लिए जनता को सरकारी अमले पर निर्भर न रहकर स्व प्रेरित होकर कार्य करना चाहिए।
कार्यक्रम के अघ्यक्ष श्री दिनेश पटेल ने इस अवसर पर ग्रामीणो को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी आधुनिक जीवन शैली के कारण भू जल स्तर भी तेजी से कमी आ रही है। हमें विकास के साथ साथ जल संरक्षण के उपायो पर भी ध्यान देना होगा। हमें धन दौलत सोना चांदी जमा करने की बजाय जल की एक एक बूंद धरती की गोंद में जमा करना चाहिए। यही हमारे सुरक्षित भविष्य के लिए सच्चा धन है।
कलेक्टर श्री बामरा ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि पिछले कुछ वर्षो में मौसम परिवर्तन के कारण बाढ़ , अकाल , असमय वर्षा , भीषण गर्मी जैसी गंभीर समस्यायें पैदा हुई हे। इसकी वजह पेंडो की कटाई और भू जल स्तर का तेजी से नीचे गिरना है। प्रकृति के बिगड़ते संतुलन की ओर लोगो का ध्यान आकर्षित कराने के लिए प्रति वर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव मे ही रोकने के लिए 40 प्रकार की संरचनाऐं बनाई जाती है। प्रशासन का काम जनता को तकनीकी मार्ग दर्शन और योजनाओं के अंतर्गत राशि उपलब्ध कराना है। जनता को स्वयं आगे आकर जल संरक्षण के कार्यो को शुरू करना होगा। उन्होने बताया कि जलाभिषेक अभियान के अंतर्गत गत वर्ष जिले में 26 करोड़ रूपये के कार्य किये गये थे। लेकिन इस वर्ष इस अभियान के लिए 65 करोड़ रूपये की कार्य योजना बनाई गई है। इस राशि का उपयोग कर जिले में तालाब निर्माण , तालाब गहरीकरण , नहर मरम्मत , स्टाप डेम , परकोलेशन टेंक , कन्टूर ट्रेंच , वृक्षारोपण आदि के कार्य जनभागीदारी के साथ किये जायेगें।
जल अभिषेक अभियान के अंतर्गत ग्राम पाथरवाडा में तालाब गहरीकरण के लिए रोजगार गारंटी योजना से 49 लाख 80 हजार रूपये की राशि मंजूर की गई है। सिंचाई विभाग के बैंनगंगा संभाग द्वारा 1.5 मीटर तक तालाब को गहरा करने के साथ ही 10-10 मीटर लम्बाई के पक्के घाटो का निर्माण किया जायेगा। इसके साथ ही तालाब के सौन्दर्यीकरण के लिए बाई पार को चौंडी कर उस पर 300 वर्ग मीटर में उद्यान का निर्माण भी किया जायेगा। कार्यक्रम में नारी उत्थान समिति बैहर के कलाकारों द्वारा जल संरक्षण पर आधारित गीत एवं नाटक भी प्रस्तुत किये गये।
कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती हंसावती नगपुरे , जनपद पंचायत सदस्य श्री हेमेन्द्र क्षीरसागर , ग्राम पंचायत पाथरवाडा की सरपंच श्रीमती ज्ञानवंती लिल्हारे , धापेवाडा के सरपंच श्री शातिलाल नगपुरे , हरियाली कृषक क्लब के अध्यक्ष श्री सुखदेव मुनी कुतराहें तथा ग्राम खैरी , कुम्हारी , चिखला , नवेगांव , बोदा आदि ग्रामो के ग्रामीण जन उपस्थित थे।
साभार – टाइम्स ऑव एमपी
Tags - Pond construction, pond, Canal repair, stop dam, Percolation tank, tree plantation, water initiative in Balaghat (Madhya Pradesh) in Hindi, छोटे तालाब ,स्टाप डेम , बोरी बंधान ,मेढ बंधान , कन्टूर ट्रेंच , परकोलेशन टेंक
जनता पानी की एक-एक बूंद का महत्व समझे--सांसद श्री बिसेन
तेजी से रसातल की ओर जा रहे भू-जल स्तर को उपर लाने के लिए जनता को पानी की एक-एक बूंद का महत्व समझना होगा। जनता पानी के महत्व को नहीं समझेगी तो बालाघाट जिले में ही नहीं पूरे विश्व में हाहाकार मच जायेगा और हमारी यह वसुंधरा मानव जाति के रहने लायक नहीं बचेगी। आज समाज के सभी वर्गो को पृथ्वी और उसके पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूक बनने की जरूरत है। जनता आज पानी की एक एक बूंद बचायेगी तभी हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित रह सकेगा। यह बातें सांसद श्री गौरीशंकर बिसेन ने 22 अप्रैल को बालाघाट विकासखंड के ग्राम पाथरवाड़ा में जिला स्तरीय जलाभिषेक सम्मेलन में उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने जलाभिषेक अभियान की शुरूवात करते हुए ग्राम पाथरवाड़ा में 49 लाख 80 हजार रू. की लागत से तालाब जिर्णोद्वार कार्य के लिए भूमि पूजन भी किया। इस अवसर पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री दिनेश पटेल , जनपद पंचायत बालाघाट के अध्यक्ष श्री रामकिशोर कावरे , कलेक्टर श्री गुलशन बामरा , जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर. के. त्रिपाठी , विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं बडी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद श्री बिसेन ने अपने संबोधन में कहा कि बालाघाट जिला इस मामले में सौभाग्य शाली है कि यहां पर 60 से 70 फीट की गहराई पर अब भी पर्याप्त पानी मिल जाता है। जबकि मालवा एवं राजस्थान के ईलाके में 800 फीट की गहराई पर भी पानी नही मिलता है। बालाघाट जिले के भू जल स्तर को और नीचे जाने से बचाने के लिए जनता की सहभागिता से जिले में छोटे छोटे तालाब ,स्टाप डेम , बोरी बंधान ,मेढ बंधान , कन्टूर ट्रेंच , परकोलेशन टेंक आदि बनाना होगा। उन्होने पेंडो का वर्षा से संबंध बताते हुए कहा कि ग्रामीण जनता निस्तार के लिए पेंड तो काटती है लेकिन उसके बदले नये पेंड नही लगाती है। ग्रामीणो को अपनी इस मानसिकता को बदलकर आने वाली पीढ़ी के लिए अधिक से अधिक पेंड़ लगाना चाहिए। उन्होने कहा कि जल संरक्षण के कार्यो के लिए जनता को सरकारी अमले पर निर्भर न रहकर स्व प्रेरित होकर कार्य करना चाहिए।
कार्यक्रम के अघ्यक्ष श्री दिनेश पटेल ने इस अवसर पर ग्रामीणो को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी आधुनिक जीवन शैली के कारण भू जल स्तर भी तेजी से कमी आ रही है। हमें विकास के साथ साथ जल संरक्षण के उपायो पर भी ध्यान देना होगा। हमें धन दौलत सोना चांदी जमा करने की बजाय जल की एक एक बूंद धरती की गोंद में जमा करना चाहिए। यही हमारे सुरक्षित भविष्य के लिए सच्चा धन है।
कलेक्टर श्री बामरा ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि पिछले कुछ वर्षो में मौसम परिवर्तन के कारण बाढ़ , अकाल , असमय वर्षा , भीषण गर्मी जैसी गंभीर समस्यायें पैदा हुई हे। इसकी वजह पेंडो की कटाई और भू जल स्तर का तेजी से नीचे गिरना है। प्रकृति के बिगड़ते संतुलन की ओर लोगो का ध्यान आकर्षित कराने के लिए प्रति वर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव मे ही रोकने के लिए 40 प्रकार की संरचनाऐं बनाई जाती है। प्रशासन का काम जनता को तकनीकी मार्ग दर्शन और योजनाओं के अंतर्गत राशि उपलब्ध कराना है। जनता को स्वयं आगे आकर जल संरक्षण के कार्यो को शुरू करना होगा। उन्होने बताया कि जलाभिषेक अभियान के अंतर्गत गत वर्ष जिले में 26 करोड़ रूपये के कार्य किये गये थे। लेकिन इस वर्ष इस अभियान के लिए 65 करोड़ रूपये की कार्य योजना बनाई गई है। इस राशि का उपयोग कर जिले में तालाब निर्माण , तालाब गहरीकरण , नहर मरम्मत , स्टाप डेम , परकोलेशन टेंक , कन्टूर ट्रेंच , वृक्षारोपण आदि के कार्य जनभागीदारी के साथ किये जायेगें।
जल अभिषेक अभियान के अंतर्गत ग्राम पाथरवाडा में तालाब गहरीकरण के लिए रोजगार गारंटी योजना से 49 लाख 80 हजार रूपये की राशि मंजूर की गई है। सिंचाई विभाग के बैंनगंगा संभाग द्वारा 1.5 मीटर तक तालाब को गहरा करने के साथ ही 10-10 मीटर लम्बाई के पक्के घाटो का निर्माण किया जायेगा। इसके साथ ही तालाब के सौन्दर्यीकरण के लिए बाई पार को चौंडी कर उस पर 300 वर्ग मीटर में उद्यान का निर्माण भी किया जायेगा। कार्यक्रम में नारी उत्थान समिति बैहर के कलाकारों द्वारा जल संरक्षण पर आधारित गीत एवं नाटक भी प्रस्तुत किये गये।
कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती हंसावती नगपुरे , जनपद पंचायत सदस्य श्री हेमेन्द्र क्षीरसागर , ग्राम पंचायत पाथरवाडा की सरपंच श्रीमती ज्ञानवंती लिल्हारे , धापेवाडा के सरपंच श्री शातिलाल नगपुरे , हरियाली कृषक क्लब के अध्यक्ष श्री सुखदेव मुनी कुतराहें तथा ग्राम खैरी , कुम्हारी , चिखला , नवेगांव , बोदा आदि ग्रामो के ग्रामीण जन उपस्थित थे।
साभार – टाइम्स ऑव एमपी
Tags - Pond construction, pond, Canal repair, stop dam, Percolation tank, tree plantation, water initiative in Balaghat (Madhya Pradesh) in Hindi, छोटे तालाब ,स्टाप डेम , बोरी बंधान ,मेढ बंधान , कन्टूर ट्रेंच , परकोलेशन टेंक