मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में पिछले कई सालों से कार्यरत स्वयंसेवी संस्था समर्थन ने बच्चों के पेयजल एवं स्वच्छता के अधिकार पर मीडिया के साथ परिचर्चा का आयोजन किया। परिचर्चा में सीहोर जिले में बच्चों के पेयजल अधिकार, बाल स्वच्छता एवं पंचायत राज पर संस्था द्वारा किए जा रहे कार्य, अनुभव एवं जमीनी समस्याओं और परिस्थितियों से पत्रकारों को अवगत कराया गया। परिचर्चा की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एवं दैनिक भास्कर से जुड़े रघुवीर दयाल गोहिया ने किया। समर्थन के क्षेत्रीय समन्वयक विनय झा ने ग्राम स्तर पर किए जा रहे प्रयासों एवं छोटे-छोटे बच्चों तथा बाल समूहों द्वारा सूचना पटल के उपयोग से प्राप्त सफलता में ग्राम पंचायत सरपंच की सराहनीय भूमिका की जानकारी पत्रकारों को दी।
राज्य कार्यक्रम प्रबंधक सुश्री सीमा जैन ने सामाजिक कार्यों में मीडिया की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर प्राप्त सफलताओं को सीहोर जिले के अन्य पंचायतों एवं जनपद स्तर तक और प्रशासन स्तर पर प्रभावी तरीके से पहुंचाने का माध्यम अखबार एवं चैनल ही हैं। परिचर्चा के दौरान सहारा समय के प्रदीप एस. चौहान, दैनिक अमृत दर्शन के चन्दन सिंह मेवाड़ा, सीहोर टाइम के संतोष सिंह, पत्रिका के अशोक पाटीदार, सहारा समय के अनिल सक्सेना, भारत समाचार के विमल राय, सीहोर हलचल के नरेश तिवारी, न्यूज एक्सप्रेस के अनिल जवारिया ने भी अपने-अपने विचारों को व्यक्त किया।
श्री गोहिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के परिदृश्य में यह सही है कि मीडिया की जबावदेही बढ़ गई है, पर समर्थन जैसी जिम्मेदार संस्था को भी अपनी जिम्मेदारी बढ़ानी होगी और दोनों के आपसी सामंजस्य से ही ग्राम स्तरीय मुद्दों को पहचान कर उसे व्यापक स्तर पर लाने की सकारात्मक पहल करनी होगी। इस प्रक्रिया में जिला प्रशासन को भी साथ में लेना होगा। उन्होंने कहा कि समर्थन ने जिस प्रकार पेयजल एवं बाल स्वच्छता को एक मुद्दा के रूप में लिया है और उसमें जो सफलताएं आ रही हैं, वे सीहोर के साथ अन्य जगहों के लिए उदाहरण का काम करेंगे। मीडिया की भी अपनी बाध्यता है कि उसे हर दिन गांव स्तर पर पहुंच पाना संभव नहीं होता है, ऐसी परिस्थिति में समर्थन की टीम मीडिया को साथ दे और पत्रकारों के नंबर गांव स्तर के ऐसे बाल समूह को दे, जो बाल पत्रकारिता एवं अन्य गतिविधियों में सक्रिय हैं, तो मुद्दे अखबार में आ सकते हैं। ऐसे में निश्चित तौर पर इन्हीं बच्चों में से एक सशक्त स्थानीय नेतृत्व का उभार संभव होगा। समर्थन द्वारा बच्चों के सहयोग से निर्मित बाल अभिव्यक्ति अखबार एक सशक्त प्रयास है एवं इसे बड़े स्तर पर कराने की आवश्यकता है।
श्री गोहिया ने चर्चा के दौरान पंचायत राज व्यवस्था को मजबुत करने, स्वघोषणा पत्र, सामाजिक अंकेक्षण की खासियत पर भी प्रकाश डाला तथा वर्तमान समय में इनके महत्व को भी गंभीरता से लेते हुए प्रशासन स्तर पर विचार-विमर्श करने का आश्वासन दिया। परिचर्चा में पंचायत राज व्यवस्था को प्रभावी तरीके से संचालन नहीं कर पाने में सरपंचों को आने वाली दिक्कतों पर भी चर्चा की गई। परिचर्चा के अंत में आभार व्यक्त करते हुए समर्थन की सुश्री संतोषी तिवारी ने ग्राम आमरोद की सफलता की कहानी सुनाई, जो प्रेरणादायक थी।
राज्य कार्यक्रम प्रबंधक सुश्री सीमा जैन ने सामाजिक कार्यों में मीडिया की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर प्राप्त सफलताओं को सीहोर जिले के अन्य पंचायतों एवं जनपद स्तर तक और प्रशासन स्तर पर प्रभावी तरीके से पहुंचाने का माध्यम अखबार एवं चैनल ही हैं। परिचर्चा के दौरान सहारा समय के प्रदीप एस. चौहान, दैनिक अमृत दर्शन के चन्दन सिंह मेवाड़ा, सीहोर टाइम के संतोष सिंह, पत्रिका के अशोक पाटीदार, सहारा समय के अनिल सक्सेना, भारत समाचार के विमल राय, सीहोर हलचल के नरेश तिवारी, न्यूज एक्सप्रेस के अनिल जवारिया ने भी अपने-अपने विचारों को व्यक्त किया।
श्री गोहिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के परिदृश्य में यह सही है कि मीडिया की जबावदेही बढ़ गई है, पर समर्थन जैसी जिम्मेदार संस्था को भी अपनी जिम्मेदारी बढ़ानी होगी और दोनों के आपसी सामंजस्य से ही ग्राम स्तरीय मुद्दों को पहचान कर उसे व्यापक स्तर पर लाने की सकारात्मक पहल करनी होगी। इस प्रक्रिया में जिला प्रशासन को भी साथ में लेना होगा। उन्होंने कहा कि समर्थन ने जिस प्रकार पेयजल एवं बाल स्वच्छता को एक मुद्दा के रूप में लिया है और उसमें जो सफलताएं आ रही हैं, वे सीहोर के साथ अन्य जगहों के लिए उदाहरण का काम करेंगे। मीडिया की भी अपनी बाध्यता है कि उसे हर दिन गांव स्तर पर पहुंच पाना संभव नहीं होता है, ऐसी परिस्थिति में समर्थन की टीम मीडिया को साथ दे और पत्रकारों के नंबर गांव स्तर के ऐसे बाल समूह को दे, जो बाल पत्रकारिता एवं अन्य गतिविधियों में सक्रिय हैं, तो मुद्दे अखबार में आ सकते हैं। ऐसे में निश्चित तौर पर इन्हीं बच्चों में से एक सशक्त स्थानीय नेतृत्व का उभार संभव होगा। समर्थन द्वारा बच्चों के सहयोग से निर्मित बाल अभिव्यक्ति अखबार एक सशक्त प्रयास है एवं इसे बड़े स्तर पर कराने की आवश्यकता है।
श्री गोहिया ने चर्चा के दौरान पंचायत राज व्यवस्था को मजबुत करने, स्वघोषणा पत्र, सामाजिक अंकेक्षण की खासियत पर भी प्रकाश डाला तथा वर्तमान समय में इनके महत्व को भी गंभीरता से लेते हुए प्रशासन स्तर पर विचार-विमर्श करने का आश्वासन दिया। परिचर्चा में पंचायत राज व्यवस्था को प्रभावी तरीके से संचालन नहीं कर पाने में सरपंचों को आने वाली दिक्कतों पर भी चर्चा की गई। परिचर्चा के अंत में आभार व्यक्त करते हुए समर्थन की सुश्री संतोषी तिवारी ने ग्राम आमरोद की सफलता की कहानी सुनाई, जो प्रेरणादायक थी।