भारत सरकार के विशेषज्ञों ने तालाबों पर किया सर्वे

Submitted by Shivendra on Wed, 04/07/2021 - 13:51

उत्तराखंड का तराई क्षेत्र जो कभी भरपूर पानी की उपलब्धता और खेती के लिए जाना जाता था वहीं आज जल संकट मंडराने लगा है, लगातार घटता जल स्तर वैज्ञानिकों के लिये भी चिंता का विषय बन चुका है, विशेषज्ञों के एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि उधमसिंह नगर का काशीपुर क्षेत्र जल स्तर के संकट के जूझ रहा है, जहाँ लगातार ही जल स्तर घट रहा है, जिसके लिये भारत सरकार द्वारा विशेषज्ञों की एक टीम घटते जलस्तर को लेकर काशीपुर पहुंची है जिन्होंने घटते जलस्तर को चिंता जनक बताते हुए इसके कई प्रमुख कारण बताए हैं देखिए ये खास रिपोर्ट

वीओ 1 :- पूरे देश मे हुए एक विशेष सर्वे में जलस्तर पर रिपोर्ट तैयार की गई जिसमें उत्तराखंड के उधमसिंह नगर के दो विकास खंड संवेदनशील मने गए हैं। काशीपुर खास तौर पर विषेसज्ञों के लिए केंद्र बना है, यदि हालात नही सुधरे तो तराई का एक बड़ा भूखंड सूखे की जद में आजायेगा, ओर जलस्तर बहुत ही नीचे पहुच जायेगा, विशेषज्ञों ने बताया कि घटते जल स्तर के लिए नदियों से बड़ी मात्रा में खनन ओर लिपटस ,पोपलर के पेड़ों का होना विशेष है, पिछले कई सालों से घटता जल स्तर और स्वच्छ पेयजल लोगों को उपलब्ध नही हो रहा है, विशेषज्ञ भी मानते है कि पानी का संकट बढ़ सकता है जिसके लिए सरकार इनके कारणों पर रिसर्च कर रिपोर्ट जल्द सौंपेगी।

बाइट- सीआर आर्य......वीडियो अधिकारी

वीओ- विशेषज्ञों ने बताया कि इन संकट से निपटने के लिए उचित तरीके अपनाए जाएंगे, जिसके लिए पुराने तालाब ओर नदियों को फिर से रिचार्ज किया जाएगा, जिसके लिए पुराने मैप के आधार पर तालाबों का सर्वे और उनके रिचार्च के लिए क्या उपाय हो सकते है इसके बारे में टीम लगातार प्रयास कर रही है।

बाइट :- विनय कुमार.........टीम विशेषज्ञों

बाइट :- रोहित कुमार   ...........ग्राम प्रधान

एफवीओ- प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हमारी आने वाली पीढ़ी के लिये एक बड़ा संकट खड़ा कर रही है, सरकारी तौर पर भले ही प्रयास किये जा रहे हों लेकिन जलस्तर के घटने के पीछे जो कारण है उनकी यदि समय पर रोकथाम नही हुई तो आने वाली भावी पीढ़ी पानी के लिए तरसती रह जायेगी, जिसके लिये जरूरत है प्राकृतिक संसाधनों का अनुचित दोहन रोक जाये और जल संकट से आने वाली पीढ़ी को बचाया जा सके।