प्रयागराज जनपद के मेजा तहसील अंतर्गत उर्वा ब्लॉक में डेलोहा में 2016 में डेलोहा मेजा पेयजल योजना की शुरुआत हुई थी लेकिन अफ़सोस की बात है की ये योजना अभी तक शुरू नहीं हो पाई है विश्व बैंक की सहायता ये परियोजना लापरवाही की भेंट चढ़ गई अगर ये परियोजना सफल होती तो इससे उर्वा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले हजारो लोगो को साफ़ और स्वच्छ पानी उपलब्ध हो पाता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और ग्रामीणों की पानी की समस्या जस के तस बानी हुई है।
उर्वा ब्लॉक के अंतर्गत दर्जनों गाँव आज भी प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है और इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है इसी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले उपरोरा गाँव में भी नीर योजना के तहत अतरैला गाँव में पानी की पाइपलाइन स्वीकृत हुई थी लेकिन भ्रस्टाचार के चलते ये पाइपलाइन भी धरातल पर कही दिखाई नहीं दी और आलम ये है की करीब तीन सौ की आबादी वाले इस गाँव में एक मात्र हैंडपंप है जिससे ग्रामीण अपनी प्यास भुजाते है।
उर्वा ब्लॉक के 9 गाँव जो 2018 में निर्मल परियोजना के तहत पानी के लिहाज से विकसित होने थे लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी यहाँ पानी की उचित व्यवस्था नहीं हो पाई उर्वा ब्लॉक के अंतर्गत कई गाँव ऐसे है जहाँ पानी की समस्या अपने चरम पर है कही पीडब्लूडी के कार्यो से पाइप लाइन टूट गई है तो उसे दुबारा नहीं बनाया गया कही कोई और निर्माण कार्य से पानी की लाइन शातिग्रस्त हो गई है तो कही ट्यूब वेल खराब पड़े है उसे भी सही नहीं किया गया वही सराय कला गाँव में सबसे ज्यादा पानी की दिक्कत हो रही है
अब सवाल ये है की विश्व बैंक से जब करीब एक करोड़ से अधिक पैसा इस परियोजना को सफल बनने के लिए मिला था तो इसका सही उपयोग क्यों नहीं हो पाया आखिर क्यों ग्रामीणों को इसका लाभ इतने साल बीत जाने के बाद भी नहीं मिला। कहते है की अगर किसी योजना का मकसद पूरा न हो पाए तो वो भी एक भ्रस्टाचार ही है और यहाँ डेलोहा पेयजल परियोजना भी अपना मकसद पूरा करने में चूक गई जिसका खामियाज़ा उर्वा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गाँव और हजारो ग्रामीण भुगत रहे है