पेयजल के लिए तरस रहे स्कूली बच्चे

Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 10:51

बच्चे देश का भविष्य होते है और अगर यही भविष्य सिर्फ पानी की वजह से संघर्ष करता दिखे तो समझ जाना चाहिए की सिस्टम  में कही कुछ कमी है हम आपको आज एक ऐसे सरकारी विद्यालय की कहानी बताने जा रहे है जो प्रयागराज के मेजा ख़ास में स्तिथ है स्कूल का नाम जवाहर नवोदय विद्यालय है इस विद्यालय के विद्यार्थियों की गलती सिर्फ इतनी है की इन्होने जिस स्कूल में दाखिला लिया है वो पहाड़ी पर स्थित है और ऊंचाई पर होने से इसका भू जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है

जिसकी वजह से यहाँ पढ़ने  वाले छात्रों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और अब आलम ये है की स्कूल प्रबंधन ने पानी की व्यवस्था करने के लिए एक पानी के टैंकर को पानी लाने के लिए कहा है करोडो रूपए से बने इस विद्यालय में करीब 650 से अधिक छात्र है और जब से इस स्कूल का निर्माण हुआ है तब से यहाँ सड़क और पानी की समस्या बनी हुई है ।

जो आज भी जस के तस खड़ी है 2 साल पहले  90 लाख की पेयजल योजना भी शुरू हुई ताकि बच्चों को पर्याप्त पानी मिल सके लेकिन गुनइ -गहरपुर से नवोदय विद्यालय के बीच की 2  किलोमीटर की दूरी में वन विभाग की जमीन आती है जिसपर वन विभाग ने अपनी जमीन पर पाइप लाइन बिछाने से मना कर दिया है अगर भविष्य में वन विभाग अपनी जमीन पर पाइप लाइन बिछाने की अनुमति देता है तो ही स्कूली बच्चों को पीने के पानी की समस्या से निजात मिल सकेगी।

वार्ना ऐसे ही  टैंकर के पानी से बच्चों के लिए जलापूर्ति  करनी होगी लेकिन सबसे बड़ा सवाल यहाँ पर ये भी है की अगर इस जगह भू जल स्तर इतना नीचे है तो क्यों अभी तक इसके लिए प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया आखिर क्यों वन विभाग बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है और क्या फायदा उस करोडो की लागत से बने नवोदय विद्यालय का और 90  लाख से बनी उस पाइप लाइन का जो अपना मकसद ही पूरा न कर सके अगर कोई योजना बनती है तो  वो अपने मकसद को पूरा नहीं करती तो वो भी एक किस्म का भ्रष्टाचार ही है ।अब सवाल ये है की इस स्कूल के बच्चों को पानी के लिए और कितने साल का इंतजार करना होगा ।