गंडक पर मरम्मत कार्य की पुनर्बहाली

Submitted by Editorial Team on Thu, 06/25/2020 - 08:06

प्रतीकात्मक फोटो - Need Pix

भारतीय मौसमविज्ञान विभाग ने 23 जून की शाम को बिहार सरकार को एक पत्र लिखकर अगले तीन-चार दिनों तक बिहार के सीमांचल समेत एक दर्जन से ज्यादा जिलों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया है। 

 

बिहार के मुख्य सचिव और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को भारतीय मौसमविज्ञान के पटना केंद्र की तरफ से पत्र लिखकर कहा गया है कि न्यूमेरिकल वेदर प्रेडिक्शन मॉडल के अनुसार बिहार से सटे हिमालयी क्षेत्र और नेपाल-बिहार सीमावर्ती इलाकों में भारी बारिश की मौसमी गतिविधियां बन रही हैं। इससे इन इलाकों में भारी से अतिवृष्टि हो सकती है।

 

भारतीय मौसमविज्ञान विभाग की तरफ से जारी पत्र के मुताबिक, 24 जून से 26 जून तक किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी और दरभंगा में भारी बारिश हो सकती है। वही, 27 से 29 जून तक दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, समस्तीपुर, गोपालगंज, सिवान और मुजफ्फरपुर में भारी बारिश का अनुमान है।

 

विभाग ने बिहार सरकार को बारिश के मद्देनजर एहतियाती उपाय करने की सलाह दी है।

 

इस पत्र के मिलते ही बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी संबंधित जिलों के पदाधिकारियों को पत्र लिखकर अलर्ट रहने को कहा है। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव अमृत प्रत्यय ने संबंधित जिलों के डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि जिलों में प्रतिनियुक्त एनडीआरएफ/एसडीआरएफ की टीमो को भारी बारिश से प्रभावित होनेवाले क्षेत्रों में ही तैनात रखा जाए। साथ ही जिला पदाधिकारियों से कहा गया है कि वे प्रभावित इलाकों के पंचायत प्रतिनिधियों को भारी बारिश का अलर्ट दें। 

 

पत्र में विभाग ने लिखा है, “प्रभावित इलाकों में नावों/मोटरबोटों को पर्याप्त संख्या में लगाया जाए और पूर्व में दिये गये दिशानिर्देशों को लागू किया जाए।” अमृत प्रत्यय ने जल संसाधन विभाग की टीमों को अलर्ट करने और तटबंधों की सतत निगरानी करने कहा है। 

 

कटिहार जिले के एक अधिकारी ने कहा, “पत्र मिलने के बाद ग्राउंड पर काम कर रहे सभी अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। राहत शिविरों को भी तैयार किया जा रहा है ताकि बाढ़ आने की सूरत में जल्दी से उन्हें शिफ्ट किया जा सके।”

 

कटिहार जिले के मनिहारी गांव के स्थानीय निवासी मिथिलेश झा ने बताया कि गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और कटाव भी तेज हो गया है, जिससे इस साल ज्यादा नुकसान की आशंका है।

 

उन्होंने कहा, “पिछले साल एक किलोमीटर का भूखंड गंगा की आगोश में समा गया था और इसके चलते 5 से 6 हजार परिवार बेघर हो गए थे। वे परिवार जहां-तहां विस्थापितों की जिंदगी जी रहे हैं। इस साल  भी लगता है कि सैकड़ों परिवार बेघर हो जाएंगे। पिछले साल जब कटाव हुआ था, तो सरकार ने कहा था कि नदी के किनारे बोल्डर डाले जाएंगे, ताकि कटाव न हो सके, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया। अब फिर कटाव शुरू हो गया है और इस साल ज्यादा तेजी से कटाव हो रहा है। पहले जलस्तर कम था, तो गंगा नदी दो-तीन धाराओं में बंट गई थी, लेकिन अब जलस्तर बढ़ा है, तो सभी एक में मिल गई हैं। यहां बारिश भी लगातार हो रही है।” 

 

नेपाल के साथ गतिरोध खत्म

बीते दिनों नेपाल आनेवाली नदियों के बांधों की मरम्मत को लेकर नेपाल और भारत के बीच गतिरोध पैदा हो गया था, जिस कारण मरम्मत कार्य ठप पड़ा हुआ था। लेकिन, अब ये गतिरोध खत्म हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, नेपाल सरकार ने गंडक बराज पर मरम्मत कार्य करने के लिए बिहार सरकार को अनुमति दे दी है। 

बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने पिछले दिनों कहा था कि नेपाल की तरफ से मरम्मत कार्य नहीं करने दिया जा रहा है, जिससे उत्तरी बिहार में बाढ़ विकराल रूप ले सकती है। उन्होंने इसको लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखने की भी बात कही थी। लेकिन, अब गतिरोध टल जाने से मरम्मत कार्य में तेजी ली जा रही है।