Glacier in Hindi (हिमनद, हिमानी)

Submitted by Hindi on Mon, 04/12/2010 - 10:18

हिमनद, हिमानीः
पुनर्क्रिस्टलित तुहिन से निर्मित हिम की एक संहति या हिम पिंड जो गुरुत्व के प्रभाव में पर्वत-ढाल या घाटी की ओर धीरे-धरे संचलित होता है और जिसके अतीत में भी कभी संचलित हुए रहने के प्रमाण मिलते हैं।

- सीमित विस्तार की एक बर्फ-संहति, जो संचयन-क्षेत्र से बाहर की ओर धीरे-धीरे खिसकती रहती है। इसको कभी-कभी पर्वतीय हिमानी, घाटी-हिमानी (Valley glacier) अथवा अल्पाइन हिमानी भी कहते हैं। यह लगातार उच्च से निम्नस्थल की ओर बढ़ती है और विशिष्ट घाटी-भित्तियों से परिबद्ध होती है।

यह बर्फ की एक नदी है जो ऊँची पर्वतों के ढलानों पर गिर रहे बर्फ के समय के साथ ठोस हो जाने से बनते हैं एवं यह धीरे-धीरे नीचे की ओर खिसकने लगते हैं। भारत में हिमालय पर्वत में ऐसे हजारों ग्लेशियर है। यह विश्व के अन्य ऊँची पर्वतमालाओं दक्षिण ध्रुव में भी पाए जाते हैं।

अन्य स्रोतों से

हिमनद या हिमानी (Glacier)


एक सतत हिमराशि जो एक नियत मार्ग से गुरुत्व शक्ति के कारण भूमि के ढाल के सहारे ऊपर से नीचे की ओर अग्रसर होती है। इसका निर्माण अत्यधिक हिमराशि के संचय तथा सघन होने से होता है जिसका घनत्व जल से कम (औसत 0.90) होता है।

स्थिति के अनुसार हिमनद कई प्रकार के होते हैं जैसे हिमटोप, महाद्वीपीय हिमनद, पर्वत हिमनद या घाटी हिमनद, गिरिपद हिमनद, तटीय हिमनद आदि। हिमनद में गति उत्पन्न होने का प्रमुख कारण गुरुत्व होता है किन्तु इसके साथ ही जो अन्य कारक सहायक होते हैं उनमें हिमनद की मोटाई, स्थल की ढाल प्रवणता, तापमान आदि प्रमुख हैं। उच्चवर्ती भूमियों पर हिम के अधिक संचय से उसके भार में वृद्धि होती है जिससे वह निचले ढाल की ओर सरकने लगता है। ताप वृद्धि से हिमद्रवण आरंभ हो जाता है और हिमनद की तली तथा किनारों पर जल स्नेहन (lubrication) का कार्य करता है। हिमनद में मलवा की अधिकता तथा ढाल कम होने पर उसकी गति मंद रहती है। हिमरेखा (snowline) से नीचे की ओर बढ़ने पर हिमनद का अग्रभाग पिघलने लगता है और हिमनद पीछे लौटता हुआ प्रतीत होता है। जब हिमनद में कंकड़-पत्थर तथा शैल चूर्ण पर्याप्त मात्रा में विद्यमान होते हैं, वह अपरदन का सक्रिय कारक होता है। इसके अपरदन तथा निक्षेपण क्रियाओं द्वारा अनेक प्रकार की भू-आकृतियां उत्पन्न होती हैं जिनमें यू-आकृति घाटी, निलंबी घाटी, सर्क, टार्न, अरेत गिरिऋंग, नुनाटक, ऋंग एवं पुच्छ, मेषशिलाएं, हिमसोपान, फियोर्ड, हिमोढ़, ड्रमलिन, एस्कर, केम, केटिल, हिमनद अपक्षेप आदि प्रमुख हैं।

- भूमि पर संचित पुन: क्रिस्टलित हिम से बने बर्फ खण्ड जो सामान्यत: वहां बनते हैं जहां हिम की वार्षिक अभिवृद्धि अपवाह तथा वाष्पन द्वारा अपक्षरण से ज्यादा हो। - Body of land ice formed from recrystallized snow accumulated on the ground; may form where annual accretion of snow is greater than ablation by runoff and evaporation.