सरकार हर घर जल हर घर नल* का दावा तो डंके की चोट पर करती है, इसे अपनी बड़ी उपलब्धि तक बताती है, मगर ग्राउंड जीरो पर हकीकत कुछ और ही है, ग्रामीण अदद एक बूंद पानी को भी तरस रहें है, जी हां ऐसा ही हाल है देव भूमि उत्तराखंड के पौड़ी जिले में स्थित चौबट्टाखाल विधानसभा के जहां ग्राम सभा अमोठा और केशरपुरा के करीब सौ परिवार पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं..... और जनप्रतिनिधि ग्रामीणों के प्रति लापरवाह बने हुए हैं मजबूरन ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर से पानी ढोना पड़ रहा है. अपनी परेशानी को लेकर ग्रामीण कई बार जल संस्थान से लेकर प्रशासन तक गुहार लगा चुके हैं. मगर अब तक मामला सिफर ही निकला. ग्राम सभा अमोठा ओर केशरपुरा में हर घर नल, हर घर जल योजना के तहत पेयजल लाइन खींची गयी थी जिसमे टैंक के जरिये पानी एकत्र कर लोगों के घरों में पानी भेजा जाना था.... यह काम किया भी गया लाखों रूपए इस योजना के एवज में ठेकेदार से लेकर विभागीय अधिकारियों द्वारा डकार भी लिए गए मगर टैंक के घटिया निर्माण कार्य के चलते पहली बरसात में ही टैंक टूट गया जिससे गांव में पानी की सप्लाई बाधित हो गई है और ग्रामीण बूंद भर पानी के लिए भी मोहताज हो गए अब ग्रामीण ठेकेदार पर घटिया निर्माण कार्य का आरोप लगा रहे हैं.ग्रामीणों का कहना है जब भी ठेकदार से टैंक ठीक करने की बात की जाती है तो वो इस बात को टाल देता है. जिसके कारण गांव वाले पिछले 6 महीने से पानी के लिए तरस रहे हैं.