हवा से बनती है जीवन रक्षक 'ऑक्सीजन'

Submitted by Shivendra on Sun, 04/25/2021 - 14:37

देशभर में कोरोना वायरस बड़ी ही तेजी के साथ लोगों को संक्रमित कर रहा है, लेकिन इस बार देश सिर्फ इस वायरस की वजह से परेशान नहीं है। बल्कि इस बार ऑक्सीजन की कमी भी एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों को अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहे हैं, और जिन्हें बेड मिल भी रहे हैं तो उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि आखिर जो ऑक्सीजन हमारे वातावरण में है, वो सिलेंडर के अंदर कहां से आती है? इसे तैयार कौन करता है और कैसे होती है?  हमारे वातावरण में काफी ऑक्सीजन है, लेकिन आपको बताते हैं कि आखिर सिलेंडर के अंदर ऑक्सीजन कहां से आती है। यहां आपको बता दें कि गैस क्रायोजेनिक डिस्टिलेशन प्रोसेस के जरिए ऑक्सीजन बनती है। इस प्रक्रिया में हवा को फिल्टर किया जाता है, ऐसा करने से धूल-मिट्टी इससे अलग हो जाती है।

इसके बाद कई चरणों में हवा को कंप्रेस यानी उस पर भारी दबाव डाला जाता है अब जरा सोचिए जिस ऑक्सीजन को बनाने में हवा की जरूरत लेनी पडे वो हवा भी तो शुद्ध चाहिए उसके लिए जरूरी है कि हम हवा प्रदूषण पर रोक लगाए वरना आज जिस हवा से हम ऑक्सीजन बनाते जा रहे है कल वो हवा ऑक्सीजन बनाने के लायक नही रहेगी  वही अगर पेड़ो की बात करे तो एक स्वस्थ पेड़ हर दिन लगभग 230 लीटर ऑक्सीजन छोड़ता है, जिससे सात लोगों को प्राण वायु मिल पाती है। यदि हम इसके आसपास कचरा जलाते हैं तो इसकी ऑक्सीजन उत्सर्जित करने की क्षमता आधी हो जाती है। इस तरह हम तीन लोगों से उसकी जिंदगी छीन लेते हैं। आज पेड़ों की कटाई पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुकी है। इसलिए पौधे लगाने के साथ-साथ हमें पेड़ों को बचाने की जरूरत है। इसके लिए हमें जागरूक होने की जरूरत है।

अपने आसपास पेड़ों को न कटनेे दें, उसका विरोध करें। उसके आसपास आग न लगाएं। इसके अलावा किसी भी स्थान पर 50 मीटर की दूरी पर एक पेड़ जरूर होना चाहिए। इससे वहां पर्याप्त मात्रा में शुद्ध हवा मिलेगी। और लोग स्वस्थ रहेंगे।पेड़ लगाने से 5 फायदे होते हैं। पहला यह ऑक्सीजन के जरिए मानव जीवन को बचाती है। दूसरे यह मिट्टी के क्षरण यानी उसे धूल बनने से रोकता है। जमीन से उसे बांध रखता है। भू जल स्तर को बढ़ाने में सबसे ज्यादा मदद करता है। इसके अलावा यह वायु मंडल के तापक्रम को कम करता है। पेड़ों से ढकी हुई जगह पर दूसरी जगहों की अपेक्षा 3 से 4 डिग्री तक तापमान कम होता है। इसलिए अपने आसपास ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं। ताकि मानव जाति को बचाया जा सके।

एक पेड़ औसतन दिनभर में करीब 227 लीटर ऑक्सीजन छोड़ता है वही एक इंसान दिनभर में करीब 550 लीटर ऑक्सीजन लेता है तो आप समझ सकते है कि पेड़ो का महत्व इंसान के जीवन में कितना है और जानवरों को भी इसकी कितनी आवश्यकता है वही कुछ लोग ऐसे भी है जो मुनाफे के लिए जंगलो का अवैध कटान करने से भी बाज़ नही आते और अच्छे खासे हजारों स्वस्थ पेड़ो को काट डालते है।

आपको बात दे कि पिछले कुछ समय मे देश में जंगल के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है ये 6,778 वर्ग किलोमीटर बड़ा है वही बढ़ोतरी दर 1 प्रतिशत आंकी गई है इसलिए जरूरी है कि वृक्षारोपण पर ध्यान दिया जाये और भविष्य में ऐसी किसी भी परिस्तिथि का सामना न करना पड़े जिसकी वजह से मानवजाति ऑक्सीजन की वजह से खतरे में पड़ जाये।