राजू वर्मा, हिन्दुस्तान, 06 फरवरी 2020
कॉर्बेट नेशनल पार्क में पहली बार रामगंगा नदी में प्लास्टिक चबाते तीन बागों की तस्वीर सामने आई है। वन्य जीव विशेषज्ञों ने प्लास्टिक को बाघों के लिए जानलेवा बताया है। हैरानी इस बात की है कि कॉर्बेट के भीतर प्लास्टिक पूर्णता प्रतिबंधित होने के बावजूद यह बाघों तक कैसे पहुंचा। हालांकि, प्लास्टिक के नदी में बहकर आने को लेकर भी संशय बना है। कार्बेट प्रशासन ने पूरे मामले की जांच बैठा दी है। उत्तराखंड के नैनीताल जिले के अन्तर्गत रामनगर स्थित कार्बेट पार्क के 1288 वर्ग किलोमीटर के जंगल में 250 से अधिक बाघ हैं।
वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर त्रिकांश शर्मा ने बीते 30 जनवरी को ढिकाला जोन की बाघिन व उसके दो शावकों को सांभर रोड स्थित रामगंगा नदी में ही अठखेलियां करते देखा था। त्रिकांश कुछ दूरी से फोटो खींचते रहे। इसी दौरान उन्होंने बाघों को नदी से प्लास्टिक की कोई वस्तु को शिकार की तरह झपटकर खाते देखा। त्रिकांश के अनुसार बाघों के प्लास्टिक खाने की यह घटना कई पर्यटकों ने भी देखी है। इस तस्वीर के सामने आने से कार्बेट में वनराज के भोजन को लेकर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।
शावकों के लिए जानलेवा
कॉर्बेट पार्क के वन्यजीव डॉक्टर दुष्यंत कुमार ने बताया कि बाघ के प्लास्टिक खाने से उनके पाचन तंत्र में इसका सीधा असर पड़ता है। पेट में प्लास्टिक रुकने से इंफेक्शन का खतरा रहता है। इससे बाघ की मौत भी हो सकती है। प्लास्टिक आंतों में अटककर कुछ ही समय बाद इंफेक्शन करने लगता है। उनके अनुसार अब तक उत्तराखंड में बाघ के प्लास्टिकक खाने और इससे मौत का मामला सामने नहीं आया है।
कॉर्बेट प्रशासन ने जांच बैठाई
कॉर्बेट नेशनल पार्क निदेशक राहुल ने कहा कि कॉर्बेट पार्क के अन्दर प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित है। ताजा मामले में ऐसी सम्भावना है कि रामगंगा नदी में प्लास्टिक की कोई वस्तु बहकर पार्क में आई हो। इस मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। नदी में बहकर आने वाली प्लास्टिक की वस्तुओं को रोकने का प्रयास किया जाएगा।
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