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राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान की पत्रिका 'जल चेतना', जुलाई 2013
जल ही तो जीवन है,
पानी है गुणों की खान,
पानी है तो सब कुछ है,
पानी है धरती की शान।
पर्यावरण को न बचाया गया,
तो वो दिन जल्द ही आएगा,
जब धरती पर हम इंसान
बस ‘पानी-पानी’ ही चिल्लाएगा।
रुपए-पैसे, धन और दौलत,
कुछ भी काम न आएगा,
यदि इंसान इसी तरह,
पानी को व्यर्थ बहाएगा।
आने वाली पुश्तों का,
कुछ तो हम करें ख्याल,
पानी के बगैर भविष्य,
भला कैसे होगा खुशहाल।
बच्चें-बूढ़े और जवान,
पानी को बचाएं बने महान,
अब तो जाग जाओ इंसान,
जल में बसते हैं प्राण।।
योगेश चन्द्र जोशी, राज.सं., रुड़की