किसी क्षेत्र या बेसिन में जल की आपूर्ति, जिसे भौमजल या सतही जल की प्राप्यता की दृष्टि से आंका जाता है।
Supply of water in a given area or basin interpreted in terms of availability of surface and undergroun water.
जल तथा जल से संबंधित संसाधन जो मनुष्य के लिए अनेक रूपों में उपयोगी है। स्रोतों के आधार पर यह तीन प्रकार का हो सकता है- 1. धरातली जल, 2. सागरीय एवं महासागरीय जल, और 3. भूमिगत जल। वर्तमान काल में जल संसाधन का प्रचुर उपयोग पेयजल, सिंचाई,मत्स्यपालन, जलविद्युत उत्पादन, उद्योग-धंधों के संचालन, जल यातायात, मनोरंजन आदि कार्य-कलापों में किया जाता है। जल संसाधन का क्षेत्रीय वितरण अधिक असमान है। पृथ्वी का लगभग तीन-चौथाई भाग समुद्री जल से घिरा हुआ है। भूमध्य रेखीय क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा के कारण जल की प्रचुरता है किन्तु मरुस्थलीय प्रदेशों में जल का प्रायः अभाव होता है।
Supply of water in a given area or basin interpreted in terms of availability of surface and undergroun water.
जल तथा जल से संबंधित संसाधन जो मनुष्य के लिए अनेक रूपों में उपयोगी है। स्रोतों के आधार पर यह तीन प्रकार का हो सकता है- 1. धरातली जल, 2. सागरीय एवं महासागरीय जल, और 3. भूमिगत जल। वर्तमान काल में जल संसाधन का प्रचुर उपयोग पेयजल, सिंचाई,मत्स्यपालन, जलविद्युत उत्पादन, उद्योग-धंधों के संचालन, जल यातायात, मनोरंजन आदि कार्य-कलापों में किया जाता है। जल संसाधन का क्षेत्रीय वितरण अधिक असमान है। पृथ्वी का लगभग तीन-चौथाई भाग समुद्री जल से घिरा हुआ है। भूमध्य रेखीय क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा के कारण जल की प्रचुरता है किन्तु मरुस्थलीय प्रदेशों में जल का प्रायः अभाव होता है।