जोइगर, बँसगर बुझगर भाय

Submitted by Hindi on Thu, 03/25/2010 - 09:36
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घाघ और भड्डरी

जोइगर, बँसगर बुझगर भाय, तिरिया सतवँती नीक सुभाय।
धनुपत हो मन होइ बिचार, कहैं घाघ ई सुक्ख अपार।।


शब्दार्थ- जोइगर-बलवान। बसगर-वंशवाला। बुझगर-समझदार।

भावार्थ- जो व्यक्ति बलवान हो, वंशवाला हो, समझदार भाईवाला हो और जिसकी स्त्री सतवंती एवं अच्छे स्वभाव वाली हो तथा वह पुत्र और धन से युक्त उत्तम विचारों वाला हो तो घाघ कहते हैं कि ये उसके लिए अपार सुख हैं।