धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिये जल का संरक्षण और बचाव बेहद जरूरी होता है क्योंकि बिना जल के जीवन सभव नहीं है । जल को संरक्षित करने का कुछ ऐसा ही एक अद्धत प्रयास राजस्थान के डूंगरपुर निवासी आशीष पांडा ने किया है।
पेशे से सिविल इंजीनियर आशीष का घर 5300 स्क्वायर फीट तक फैला है जिसमें से 2300 स्क्वायर फीट पर उन्होंने अपना घर बनाया है। जबकि 3000 स्क्वायर फ़ीट में 5 हज़ार के करीब पेड़ पौधे लगाएं है तो इससे आप आसनी से अंदाजा लगा सकते है कि आशीष के घर में पानी की अच्छी उपलब्धता है । आशीष ने पानी को संरक्षित करने के लिए एक वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया है जिससे बारिश का पानी संरक्षित होता ही है साथ ही ग्राउंड वाटर का लेवल भी बढ़ता है।
आशीष ने अपने घर मे 45 हज़ार लीटर का एक बढ़ा टैंक 7 और 5 हज़ार लीटर के 2 टैंक बनाये है जिसमें से 45 हज़ार लीटर वाले टैंक से बारिश का पानी संरक्षित किया जाता है जबकि 5 हज़ार लीटर के टैंक का प्रयोग पेड़ पौधों के लिए होता है और 7 हज़ार लीटर वाला टैंक ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करता है
सवाल उठता आखिर आशीष बरसात का इतना पानी कैसे संरक्षित कर पाते है
जब यही सवाल हमने आशीष से किया तो उन्होंने हमें फोरन उस तकनीक से रूबरू कराया ,जो काफी सरल , कम खर्चीली के साथ साथ सबसे अधिक प्रचलित भी है । लेकिन बस जरूरत उसका सही सही ढंग से प्रयोग किया जाए। अगर हम लोग भी आज से ही आशीष की तरह बरसात के पानी को संरक्षित करना शुरू कर दे तो जरूर भविष्य में हमें पानी की किल्लत का सामना नही करना पड़ेगा।