लॉक डाउन में नर्मदा जल की शुद्धता पर चमत्कारी असर

Submitted by Editorial Team on Wed, 04/29/2020 - 14:16

पिपरिया/ होशंगाबाद। कोरोना कोविड 19 दुनिया पर कहर बनकर टूटा और दुनिया को इससे बचने के लिए लॉक डाउन का सहारा लेना पड़ा। जिससे अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई। लेकिन इस 1 माह से भी ज्यादा लंबे लॉक डाउन का एक सकारात्मक पहलू प्रकृति पर देखने को मिला प्रदेश की जीवनदायिनी माँ नर्मदा का जल 40 साल पहले जैसा शुद्ध हो गया।  नर्मदा जी का पानी मिनरल वाटर जैसा शुद्ध हो गया और इसे सीधे पिया जा सकता है। जल विशेषज्ञों और आम जनमानस से हुई चर्चा में पता चला कि ऐसा शुद्ध जल उन्होंने 40 साल पहले देखा था।

जब हमारी टीम नर्मदा जी के अलग अलग घाटों पर जाकर जल की शुद्धता का टेस्ट करने शांडिल्य ऋषि की तपोभूमि सांडिया घाट, सिवनी घाट, पहुँची यहाँ पर हमने विभिन्न स्थानों के पानी का सैंपल लेकर  टीडीएस मीटर के द्वारा पानी की शुद्धता को चेक किया तो हमारे सामने चोकाने वाले चमत्कारी परिणाम सामने आये। पुण्य सलिला माँ नर्मदा के जल का टोटल डिजाल्व साल्ट याने टीडीएस की मात्रा 85 - 95 की मिली जो कि लगभग मिनरल वाटर जैसी है।

अवैध उत्खनन रुका,जलचर जीव अठखेलियाँ करते दिखे

मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी में रेत के अवैध खनन को रोकने और नदी की सेहत सुधारने के तमाम वादे राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनावो में किये गये। लेकिन न रेत का अवैध उत्खनन रुका और न ही नदी की सेहत को सुधारने के लिए कोई काम हुआ। लेकिन लॉक डाउन के कारण नर्मदा नदी से रेत उत्खनन भी रुक गया और नदी की सेहत में भी काफी चौकाने वाला सुधार आ गया। पानी इतना स्वच्छ और शुद्ध हो गया है कि *जलचर जीव मछली जल की रानी* समेत अन्य जलचर जीव जो कि पानी की शुद्धि करने का काम करती है वह अठखेलियाँ करती हुई साफतौर पर देखी जा सकती है।