मुंबई लगभग 20 एकड़ में फैले पहाड़ पर बसे करीब 50 हजार लोग अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं। एक शौचालय की जजर्र स्थिति के कारण लोग परेशानी में हैं। पिछले 15 सालों से जान जोखिम में डालकर लोग इस शौचालय का इस्तेमाल कर रहे हैं। सिंगल सीट वाले इस टॉयलेट को शहर के सबसे खतरनाक टॉयलेट का नाम दिया जा रहा है।
कसाईवाड़ा के टॉप पर बना यह टॉयलेट पहले एक पतरे से ढका स्ट्रक्चर था। जिसकी 10 साल पहले स्थानीय विधायक नवाब मलिक ने विधायक निधि से मरम्मत करवा दी थी। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि नवाब मलिक का क्षेत्र अणुशक्तिनगर शिफ्ट होने के बाद स्थानीय विधायक मिलिंद कांबले ने कुछ काम नहीं किया। आज इस टॉयलेट की हालत जजर्र है। एक स्थानीय महिला ने बताया कि इस टॉयलेट में घुसने से पहले 10 बार सोचना पड़ता है। पर जिंदगी को दांव पर लगा कर हमें इसका सहारा लेना पड़ता है। स्थानीय नगरसेवक विजय तांडेल ने कहा कि टॉयलेट जजर्र है और बीएमसी ने बाकायदा नोटिस भी दी है, परंतु फिर भी लोग जान जोखिम में डालकर इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
गौरतलब है कि 174 कुर्ला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कसाईवाड़ा में करीब 50 हजार मतदाता हैं। यहां 11 हजार झोपड़ियां बसी हुई हैं। पहाड़ पर बसे वोटरों की तादाद 20 हजार से ज्यादा है जो 350 चॉलों में बसे हुए हैं। बी.जी. शिंदे जो कांग्रेस उम्मीदवार हैं, ने कहा कि ये सोच है कि पिछले 10-15 सालों में पहाड़ों पर बसे लोगों के साथ काफी अन्याय हुआ है। अगर मैं जीतकर आया तो सिर्फ टॉयलेट ही नहीं बल्कि पहाड़ी एरिया पर बसे सभी लोगों के हितों की रक्षा के लिए लड़ता रहूंगा।
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एब्सल्यूट इंडिया, 13 अक्टूबर 2014