इसकी प्रमुख विशेषता नियमित वर्षा का अभाव या शुष्कता है। मरुस्थलीय प्रदेशों में सामान्यतः 25 सेमी. वार्षिक से कम वर्षा प्राप्त होती है। कुछ भागों में 50 सेमी. वार्षिक वर्षा हो जाती है किंतु अधिक वाष्पीकरण के कारण वहाँ भी नमी शीघ्र नष्ट हो जाती है। निम्न एवं मध्य अक्षांशीय मरुस्थलों में ग्रीष्म ऋतु में भीषण गर्मी पड़ती है किंतु रात्रि का तापमान काफी कम हो जाता है। अधिक दैनिक तापांतर भी इस जलवायु की मुख्य विशेषता है। शीतऋतु में रात में कठोर सर्दी पड़ती है। गर्मियों में धूल तथा रेत की भयंकर आँधियां चलती हैं।
अन्य स्रोतों से
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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