मृदा समूह या मृदा प्रकार (Soil groups or types or soil)

Submitted by Hindi on Fri, 05/13/2011 - 12:49
मिट्टी के बृहत् वर्ग जिनके आंतरिक लक्षणों में समानता पायी जाती है। विश्व स्तर पर मिट्टी को तीन बृहत् समूहों में विभक्त किया जाता है- कटिबंधीय मिट्टी (zonal soil), कटिबंधांतरिक मिट्टी (intrazonal soil), तथा अपार्शिक मिट्टी (azonal soil)।

कटिबंधीय मिट्टी जलवायु तथा वनस्पति प्रदेशों के अनुसार पायी जाती है जिसे दो मुख्य भागों में विभक्त किया जाता है- पेडाल्फर और पेड़ोंकाल। पेडाल्फर (pedalfer) में एल्युमिनियम तथा लोहा की मात्रा अधिक होती है और यह वन प्रदेशों तथा लम्बी घासों वाले प्रदेशों में विकसित होती है। वनप्रदेश की पेडाल्फर मिट्टियों में पाडजाल,पाडजालिक और लेटराइट मुख्य हैं। लम्बी घास वाले प्रदेशों की प्रमुख मिट्टियां प्रेयरी मिट्टी और लाल तथा पीली मिट्टी हैं। पेडोकाल (pedocal) में कैल्शियम की प्रधानता होती है। इसमें तीन प्रमुख मृदा समूह सम्मिलित हैं- चरनोजम, भूरी स्टेपी तथा मरुस्थलीय मिट्टी। पेडाल्फर तथा पेडोकाल के अतिरिक्त टुंड्रा मिट्टी भी कटिबंधीय मिट्टी है जो अत्यधिक निम्न तापमान के कारण बहुत कम विकसित हो पाती है। कटिबंधीय मिट्टियों के बीच-बीच में बिखरे रूपों के पायी जाने वाली मिट्टी को कटिबंधांतरिक मिट्टी कहते हैं। इसके ऊपर मुख्यतः मूल चट्टानों, अपक्षय, वाष्पीकरण, जल रिसाव आदि का प्रभाव होता। चूना पत्थर से निर्मित रेंडजीना मिट्टी, लावा से उत्पन्न रेगड़ (काली) मिट्टी इसके उदाहरण हैं। एक अन्य मृदावर्ग अपार्श्विक मिट्टियों का होता है जिन पर मिट्टी निर्माण की किसी प्रक्रिया विशेष का प्रभाव नहीं होता है तथा उनमें विभिन्न संस्तरों का विकास नहीं हो पाता है। जलोढ़,हिमोढ़ तथा वायूढ़ या लोएस इसी प्रकार की मिट्टियां हैं जो स्थानांतरित होते रहने के कारण प्रायः पूर्ण विकसित (परिपक्व) नहीं हो पाती हैं।

अन्य स्रोतों से




वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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