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राजस्थान पत्रिका, 29 जनवरी 2015
शोध में खुलासा, बोतलबन्द पानी में विषैले तत्वों की भरमार
मुम्बई. मायानगरी मुम्बई के बोतलबन्द पानी भी पीने योग्य नहीं है। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी) के हालिया शोध में पता चला है कि यहाँ पानी की बोतल में भी विषाक्त तत्व कार्किनोजेन्स भारी मात्रा में पाया जाता है। बीएआरसी की चार वैज्ञानिकों की टीम ने मुम्बई में पानी की बोतलों की बिक्री करने वाले 18 ब्राण्ड के 90 सैम्पल का परीक्षण किया। इनमें से 27 प्रतिशत सैंपल में विश्व स्वास्थ्य संगठन के तय मानकों का उल्लंघन होता पाया गया।
इन 27 प्रतिशत सैम्पल में ब्रोमेट्स नाम का तत्व घुला पाया गया, जिसकी मात्रा डब्ल्यूएचओ के तय मानक से कहीं ज्यादा थी। अन्तरराष्ट्रीय कैंसर शोध एजेंसी (आईएआरसी) के मुताबिक ब्रोमेट्स टाइप 2-बी के कार्किनोजेन्स की तरह काम करता है, जो कैंसर जैसे घातक रोग का भी कारण बन सकता है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि यह समस्या अभी इतनी नहीं बढ़ी है कि काबू न किया जा सके।
मुम्बई. मायानगरी मुम्बई के बोतलबन्द पानी भी पीने योग्य नहीं है। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी) के हालिया शोध में पता चला है कि यहाँ पानी की बोतल में भी विषाक्त तत्व कार्किनोजेन्स भारी मात्रा में पाया जाता है। बीएआरसी की चार वैज्ञानिकों की टीम ने मुम्बई में पानी की बोतलों की बिक्री करने वाले 18 ब्राण्ड के 90 सैम्पल का परीक्षण किया। इनमें से 27 प्रतिशत सैंपल में विश्व स्वास्थ्य संगठन के तय मानकों का उल्लंघन होता पाया गया।
कैंसर तक का खतरा
इन 27 प्रतिशत सैम्पल में ब्रोमेट्स नाम का तत्व घुला पाया गया, जिसकी मात्रा डब्ल्यूएचओ के तय मानक से कहीं ज्यादा थी। अन्तरराष्ट्रीय कैंसर शोध एजेंसी (आईएआरसी) के मुताबिक ब्रोमेट्स टाइप 2-बी के कार्किनोजेन्स की तरह काम करता है, जो कैंसर जैसे घातक रोग का भी कारण बन सकता है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि यह समस्या अभी इतनी नहीं बढ़ी है कि काबू न किया जा सके।