नदी के जल में

Submitted by admin on Sat, 10/05/2013 - 14:45
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काव्य संचय- (कविता नदी)
उसने कपड़े
उतारे और
उतर गई
जल में
खलबली मच गई
पल में!
मल-मल नहाने लगी
वह
हलचल हुई
लहरें उठीं
किनारों को छुआ
जैसे कुछ हुआ
किनारे हँसने लगे।