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राजस्थान पत्रिका, 06 जून 2015
केन्द्र सरकार की योजना पर भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी ने उठाए सवाल
वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मानव संसाधन विकास मन्त्री मुरली मनोहर जोशी ने केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय नदी गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की योजना ‘नमामि गंगे’ पर गम्भीर सवाल उठाए हैं। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में गंगा के तुलसी घाट पर लोगों को सम्बोधित करते हुए जोशी ने कहा, ‘नमामि गंगे’ परियोजना की जब मैंने समीक्षा की, तो इसमें कई खामियाँ निकलीं। गंगा में जहाज चलाने का हठ ठीक नहीं है।’ प्रो. वीरभद्र मिश्र अन्तरराष्ट्रीय पर्यावरण पुरस्कार समारोह में गुरुवार को बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे जोशी ने उत्तराखंड में बने और अन्य स्थानों पर प्रस्तावित गंगा बाँधों का भी विरोध किया और कहा कि ये बाँध गंगा की प्राण-वायु सुखा देंगे।
जोशी के सवाल
1. गंगा निर्माण अभियान अधूरा है
2. पहले अविरल गंगा की बात हो, क्योंकि अविरल प्रवाह किसी नदी की निर्मलता की प्राथमिक शर्त
3. मैंने टिहरी बाँध का पुरजोर विरोध किया था
4. तत्कालीन सरकार को मना किया था कि टिहरी की ऊँचाई मत बढ़ाओ पर सुनी नहीं गई।
4. गंगा का दम घोंट दिया गया है, उसमें जल ही नहीं है।
5. गंगा की सफाई टुकड़ों में सम्भव नहीं
6. कभी इलाहाबाद, कभी कानपुर तो कभी बनारस में गंगा साफ नहीं हो सकती
दिए सुझाव
1. समेकित नीति बनानी होगी
2. प्राथमिकता तय करनी पड़ेगी
3. अविरल गंगा सुनिश्चित कर ही निर्मल गंगा बनाई जा सकेगी।
मौजुदा सिस्टम में ही खोट है, सिस्टम पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि, मैंने वैज्ञानिकों से गंगा के निकलने का प्रश्न पूछा तो कोई इसका जवाब नहीं दे सका। किसी ने बताया गोमुख से निकली है, गंगा का अवतार हुआ है और किसी ने बताया भगीरथ लाए थे। -मुरली मनोहर जोशी, वरिष्ठ सासंद, भाजपा
जहाज चलाने वाले क्या जानते हैं गंगा का इतिहास
जोशी ने परोक्ष रूप से केन्द्रीय परिवहन मन्त्री नितिन गडकरी का मजाक उड़ाते हुए कहा, जो लोग गंगा में जहाज चलाने की बात करते हैं, वे न तो इसका इतिहास जानते हैं और न भूगोल। उन्होंने कहा, ‘मेरे एक मित्र मन्त्री गंगा में जहाज चलाने की बात करते हैं। नदियों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, पर मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि ऐसा होगा कैसे! जहाज चलाने के पहले नदियों की प्राकृतिक संरचना समझना होगा। मैंने भी मन्त्री के रूप में एक बार गंगा में इलाहाबाद से हल्दिया के लिए जहाज चलवाया था, मगर कुछ दिनों बाद बंद करवाना पड़ा, क्योंकि गंगा में पानी नहीं था। अब तो स्थिति और बदतर हो चुकी है।’
जोशीजी से पूछूँगी ऐसा बयान क्यों दिया : उमा
वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मानव संसाधन विकास मन्त्री मुरली मनोहर जोशी के बयान पर केन्द्रीय जल संसाधन मन्त्री उमा भारती ने शुक्रवार को कहा कि जोशी जी बड़े नेता हैं और वो उनसे मिलकर पूछेंगी कि उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया। उमा भारती ने ये भी कहा कि केन्द्रीय मन्त्री नितिन गडकरी भी मुरली मनोहर जोशी से मिलने जाएँगे। हम उनसे मार्गदर्शन लेंगे।
वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मानव संसाधन विकास मन्त्री मुरली मनोहर जोशी ने केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय नदी गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की योजना ‘नमामि गंगे’ पर गम्भीर सवाल उठाए हैं। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में गंगा के तुलसी घाट पर लोगों को सम्बोधित करते हुए जोशी ने कहा, ‘नमामि गंगे’ परियोजना की जब मैंने समीक्षा की, तो इसमें कई खामियाँ निकलीं। गंगा में जहाज चलाने का हठ ठीक नहीं है।’ प्रो. वीरभद्र मिश्र अन्तरराष्ट्रीय पर्यावरण पुरस्कार समारोह में गुरुवार को बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे जोशी ने उत्तराखंड में बने और अन्य स्थानों पर प्रस्तावित गंगा बाँधों का भी विरोध किया और कहा कि ये बाँध गंगा की प्राण-वायु सुखा देंगे।
जोशी के सवाल
1. गंगा निर्माण अभियान अधूरा है
2. पहले अविरल गंगा की बात हो, क्योंकि अविरल प्रवाह किसी नदी की निर्मलता की प्राथमिक शर्त
3. मैंने टिहरी बाँध का पुरजोर विरोध किया था
4. तत्कालीन सरकार को मना किया था कि टिहरी की ऊँचाई मत बढ़ाओ पर सुनी नहीं गई।
4. गंगा का दम घोंट दिया गया है, उसमें जल ही नहीं है।
5. गंगा की सफाई टुकड़ों में सम्भव नहीं
6. कभी इलाहाबाद, कभी कानपुर तो कभी बनारस में गंगा साफ नहीं हो सकती
दिए सुझाव
1. समेकित नीति बनानी होगी
2. प्राथमिकता तय करनी पड़ेगी
3. अविरल गंगा सुनिश्चित कर ही निर्मल गंगा बनाई जा सकेगी।
मौजुदा सिस्टम में ही खोट है, सिस्टम पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि, मैंने वैज्ञानिकों से गंगा के निकलने का प्रश्न पूछा तो कोई इसका जवाब नहीं दे सका। किसी ने बताया गोमुख से निकली है, गंगा का अवतार हुआ है और किसी ने बताया भगीरथ लाए थे। -मुरली मनोहर जोशी, वरिष्ठ सासंद, भाजपा
जहाज चलाने वाले क्या जानते हैं गंगा का इतिहास
जोशी ने परोक्ष रूप से केन्द्रीय परिवहन मन्त्री नितिन गडकरी का मजाक उड़ाते हुए कहा, जो लोग गंगा में जहाज चलाने की बात करते हैं, वे न तो इसका इतिहास जानते हैं और न भूगोल। उन्होंने कहा, ‘मेरे एक मित्र मन्त्री गंगा में जहाज चलाने की बात करते हैं। नदियों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, पर मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि ऐसा होगा कैसे! जहाज चलाने के पहले नदियों की प्राकृतिक संरचना समझना होगा। मैंने भी मन्त्री के रूप में एक बार गंगा में इलाहाबाद से हल्दिया के लिए जहाज चलवाया था, मगर कुछ दिनों बाद बंद करवाना पड़ा, क्योंकि गंगा में पानी नहीं था। अब तो स्थिति और बदतर हो चुकी है।’
जोशीजी से पूछूँगी ऐसा बयान क्यों दिया : उमा
वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मानव संसाधन विकास मन्त्री मुरली मनोहर जोशी के बयान पर केन्द्रीय जल संसाधन मन्त्री उमा भारती ने शुक्रवार को कहा कि जोशी जी बड़े नेता हैं और वो उनसे मिलकर पूछेंगी कि उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया। उमा भारती ने ये भी कहा कि केन्द्रीय मन्त्री नितिन गडकरी भी मुरली मनोहर जोशी से मिलने जाएँगे। हम उनसे मार्गदर्शन लेंगे।