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एनडीटीवी, 17 जून 2012
केवल पर्यावरण की संस्थाएं खोल देने से पर्यावरण नहीं सुधरता। वैसे ही जैसे सिर्फ थाने खोल देने से अपराध कम नहीं हो जाते। यानी एक मजबूत समाज में पर्यावरण का पाठ स्कूलों में पढा़ने के भ्रम से मुक्त होना होगा।आज भारत की राजधानी दिल्ली देश की ज्यादातर नदियों का पानी पी चुकने के बाद भी प्यासी है और गंगा, यमुना के बाद दिल्ली की नजर इस समय हिमाचल प्रदेश के रेणुका बांध पर पड़ी है। अपनी प्यास बुझाने के लिए रेणुका से पानी लाने की तैयारी हो रही है। जहां दिल्ली सारी नदियों का पानी पीने के बाद भी प्यासी है वहीं भारत के मरुप्रदेश राजस्थान के लोग पानी को लेकर सहज और सहेजने में लगे हैं। अनुपम जी पानी और उसके समाज को देशभर में घूम-घूमकर देखा है और उसी पानी के दर्शन को समझा रहे हैं।