पानी की वजह से गुजरात में सबसे ज्यादा हत्याएं, बिहार दूसरे नंबर पर 

Submitted by Shivendra on Fri, 01/10/2020 - 16:24

पानी को जीवन का आधार माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि धरती पर जीवन की उत्पत्ति पानी से ही हुई है। इसीलिए मंगल गृह पर भी जीवन की तलाश के लिए पहले पानी को तलाशा जा रहा है, क्योंकि पानी से ही हवा है, बारिश है, ग्लेशियर हैं और सदानीरा नदियां भी हैं। वनस्पतियों और पेड़-पौधों में प्राण भी जल ही फूंकता है। इसीलिए विभिन्न सभ्यताएं भी नदियों के किनारे ही पनपी हैं, लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि भारत जैसे पानीदार देश को पानी की किल्लत का सामना भी करना पड़ सकता है और पानी की किल्लत इतनी विकराल हो जाएगी कि प्राण देने वाला जल ही मौत का कारण बन जाएगा। जिसमें गुजरात पहले नंबर पर है, जबकि पानी के कारण हत्याओं में बिहार दूसरे नंबर पर है। 

अभी तक हम सुनते आए थे कि जल प्रदूषण के कारण देश में हर साल करीब 6.4 लाख लोगों की मौत हो जाती है। 60 करोड़ लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं हो पाता है, लेकिन जल संकट लोगों की कल्पना से कई अधिक विकराल रूप धारण कर चुका है। देश के विभिन्न शहरों में लड़ाई-झगड़े होते हैं, विशेषकर गर्मियों के मौसम में। कई जगह नौबत खून-खराबे तक आ जाती है। सबसे बुरा हाल तो गुजरात और बिहार का है, जहां सरकार वादे तो कई करती है, लेकिन धरातल पर आंकड़ें अभी की सभी सरकारों की पोल रहे हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट की बात करें तो बिहार में पानी को लेकर 228 आपराधिक घटनाएं दर्ज की गई, जिनसें 327 लोग पीड़ित हैं, जबकि दिल्ली और चंड़ीगढ़ में एक एक, पश्चिम बंगाल में दो, मध्य प्रदेश में सात, केरल में एक, झारखंड में तीन, हिमाचल में एक, आंध्र प्रदेश में 12, गुजरात में 32, तमिलनाडु में 39, कर्नाटक में 53, हरियाणा में 56, और उत्तर प्रदेश में 79 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं महाराष्ट्र में 255 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 285 लोग पीड़ित हैं। वर्ष 2018 तक कोर्ट में 3028 मामले लंबित हैं। हालाकि कोलकाता से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

राष्ट्रीय अपराध रिकाॅर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2018 की रिपोर्ट बनाती है कि वर्ष 2017 में पानी के कारण 432 आपराधिक घटनाएं दर्ज की गई थी, जो वर्ष 2018 में बढ़कर 838 हो गई। इनमें से वर्ष 2018 में पानी को लेकर हुए विभिन्न झगड़ों में 92 लोगों की हत्याएं भी कर दी गई थीं। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में गुजरात में 18 हत्याएं हुईं, जो कि सबसे ज्यादा हैं, जबकि बिहार पानी के कारण हत्याओं के मामले में दूसरे नंबर पर है। यहां 15 हत्याएं हुई थीं। तो वहीं महाराष्ट्र में 14, उत्तर प्रदेश में 12, राजस्थान में 10, झारखंड में 10, देश की राजधानी में एक, तमिलनाडु में एक, मध्य प्रदेश में दो, तेलंगाना में दो, पंजाब में तीन और कर्नाटक में 4 हत्याएं हुई थीं। वर्ष 2018 में 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें 10 महिलाएं थीं। 

देश में बढ़ता जल संकट चर्चा का विषय है, लेकिन इस पर अभी भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नतीजतन गर्मियों में देश में त्राहि त्राहि मच जाती है। सरकार टैंकरों से पानी सप्लाई करवाती है। समस्या ज्यादा बढ़ने पर पानी के टैंकरों और तालाबों के पास पुलिस तैनात की जाती है। अब तो जल संरक्षण के लिए जलशक्ति मंत्रालय का गठन कर दिया गया, लेकिन अभी भी जल को संरक्षित नहीं दिया गया तो निकट भविष्य में जल के कारण होने वाले झगड़ों की संख्या बढ़ने की संभावना है। कहीं ये राष्ट्रीय के साथ ही वैश्विक समस्या बनकर न उभरे।

लेखक - हिमांशु भट्ट

TAGS

water crisis article, water scarcity essay, water crisis in india, global water crisis facts, causes of water scarcity, water crisis in hindi, effects of water scarcity, water scarcity meaning in hindi, death due to water criris, murder due to water, NCRB report on water.