बरुआसागर नामक तालाब, झांसी से लगभग 21 किलोमीटर दूर झांसी-खजुराहो रोड पर स्थित है। इस तालाब का निर्माण ओरछा रियासत के तत्कालीन राजा उदित सिंह ने लगभग 260 साल पहले करवाया था। तालाब झांसी जिले में स्थित है, अपनी भौगोलिक स्थिति और सागर की तरह दिखने के कारण झांसी का दर्शनीय पिकनिक स्पाॅट है। इसका निर्माण बुन्देलखंड की ग्रेनाइटी चट्टानों पर हुआ है। चित्र एक में बरुआसागर तालाब का कैचमेंट दर्शाया गया है। कैचमेंट में नदी-तंत्र, ग्रेनाइटी चट्टानों को हल्के लाल रंग से, क्वार्टज रीफ को भूरे रंग से और बरुआसागर तालाब को सफेद रंग से दर्शाया है। पहली क्वार्टज रीफ का कुछ हिस्सा ही बरुआसागर तालाब के कैचमेंट की बाईं सीमा पर दिखाई देता है। चित्र में उसका बाकी हिस्सा नही दिखाई देता। दूसरी क्वार्टज रीफ बरुआसागर के कैचमेंट के लगभग मध्य भाग से उत्तर-पूर्व, दक्षिण पश्चिम दिशा में अधिक स्पष्टता से दिखाई देती है। तीसरी क्वार्टज रीफ बरुआसागर के कैचमेंट की बाईं सीमा के निकट स्थित है। उल्लेखनीय है कि बुन्देलखंड में क्वार्टज रीफों की भरमार है।
चित्र दो में बरुआसागर तालाब के कैचमेंट का लेन्ड यूज और लेन्ड कव्हर दर्शाया गया है। नक्शे में पीले रंग से दर्शाये इलाके में खेती, सुर्ख लाल रंग से दर्शाए इलाके में बस्ती, हरे रंग से दर्शाए इलाके में जंगल, गुलाबी रंग से दर्शाए इलाके में पडत भूमि और नीले रंग से दर्शाए इलाके में जल संरचनायें स्थित हैं। यहां मौजूद प्राकृतिक संकेतों की मदद से अनेक प्रकार की जल संरचनाओं का निर्माण संभव है।बुन्देलखंड में बढ़ते जल संकट के कारण लोग पुराने तालाब का पुनरूद्धार करना चाहते हैं, उसकी पुरानी अस्मिता लौटाना चाहते हैं। काम शुरु करने के पहले उन्हें यह जानना आवश्यक है कि यह तालाब जल संचय तालाब है या परकोलेशन तालाब। इसके अलावा उन्हें बरुआसागर की हाईड्रालाजी को भी जानना आवश्यक है। उसके मूल स्वरुप में हुए बदलावों को भी जानना आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि यही समझ काम के रोड मैप को तय करती है और समझ के अभाव में गलती की संभावना होती है।
इस लेख में परकोलेशन तालाब और जल संचय तालाब के बीच के अन्तर को सामान्य और सहज तरीके से समझने के लिए गूगल अर्थ से प्राप्त दो क्शों की मदद ली गई है। ये नक्शे बरुआसागर तालाब के अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम की 11 जून 2017 और 6 जून 2018 की जल संकट की कमी को दर्शाते हैं। सभी जानते हैं कि इस अवधि में जल स्रोतों पर सूखने का सर्वाधिक खतरा होता है। गूगल अर्थ से प्राप्त दोनों नक्शे उसी गंभीरतम अवधि के हैं। चित्र तीन में 11 जून 2017 की स्थिति को दर्शाया गया है। इस तारीख को बरुआसागर तालाब के बहुत थोडे से हिस्से में पानी है। उसके अपस्ट्रीम में वानस्पतिक आवरण लगभग शून्य है। उसके डाउनस्ट्रीम में बहुत अच्छा वानस्पतिक आवरण है। यह आवरण इंगित करता है कि बरुआसागर तालाब के डाउनस्ट्रीम में स्थित प्रभाव क्षेत्र में भूजल की उपलब्धता बहुत अच्छी है। यह तथ्य प्रमाणित करता है कि बरुआ सागर वास्तव में परकोलेशन तालाब है और उसका लाभान्वित इलाका डाउनस्ट्रीम में स्थिति है।
बरुआसागर तालाब के अपस्ट्रीम में स्थित पूरे कैचमेंट में जल संरचनाओं की मौजूदगी के बावजूद पानी की गंभीर कमी है। इस कमी के कारण पूरे कैचमेंट में वानस्पतिक आवरण अर्थात फसलें अनुपस्थित हैं। पूरे कैचमेंट में भूजल की उपलब्धता खराब है। 6 जून 2018 की स्थिति में बताया गया है कि इस तारीख को पूरा बरुआसागर तालाब लगभग सूख गया है। बरुआसागर के अपस्ट्रीम में वानस्पतिक आवरण लगभग शून्य है। उसके डाउनस्ट्रीम में अच्छा वानस्पतिक आवरण है। यह वानस्पतिक आवरण इंगित करता है कि बरुआसागर के डाउनस्ट्रीम में स्थित प्रभाव क्षेत्र में भूजल की उपलब्धता बहुत अच्छी है। यह उसके द्वारा किए रीचार्ज का परिणाम है। यह हकीकत प्रमाणित करती है कि बरुआसागर हकीकत में परकोलेशन तालाब है और उसका लाभान्वित इलाका डाउनस्ट्रीम की स्थिति में है। तालाब के सूखने के बाद भी डाउनस्ट्रीम में स्थिति काफी हद तक ठीक है।
संक्षेप में, फील्ड में काम करने वाले लोगों के लिए गूगल नक्शे बहुत उपयोगी है। उनकी मदद से किसी भी तालाब की श्रेणी (जल संचय तालाब या परकोलेशन तालाब) को पहचाना जा सकता है। जल संचय तालाब को कैचमेंट ईल्ड के अनुसार गहरा किया जा सकता है। परकोलेशन तालाब को रीचार्ज करने वाली परत को बिना हानि पहुँचाए, गाद निकाली जा सकती है। बाकी नक्शों की मदद से तालाब के मूल चरित्र और उसकी पुरानी हाईड्रोलाजी को समझा जा सकता है अर्थात सही काम किया जा सकता है। सही काम ही बुन्देलखंड को संकट से निजात दिलायेगा।