पौधों में भी होती है निर्णय लेने की क्षमता

Submitted by Hindi on Sun, 12/24/2017 - 10:48
Source
दैनिक जागरण, 24 दिसम्बर, 2017

अपने आस-पास के माहौल की जानकारी लेकर उसके अनुसार प्रतिक्रिया करते हैं पौधे

रोपे गए पौधेबर्लिन : पौधे सिर्फ साँस ही नहीं लेते, बल्कि सोच-विचार करके और निर्णय लेकर अपने आप को बड़ा करते हैं। यह बात एक नवीन अध्ययन में सामने आई है। इसमें बताया गया है कि पौधे अपने आस-पास के माहौल की जटिल सूचनाओं को एकत्र करने में सक्षम होते हैं। इसके बाद वे अपने लिये सर्वश्रेष्ठ मार्ग की तलाश करते हैं और उसी के अनुसार बड़े होते हैं। पौधों के संदर्भ में इस अहम खोज से वैज्ञानिक बेहद उत्साहित हैं। उनका कहना है कि इस खोज की मदद से वे पौधों को दुनियाभर में और अधिक बढ़ाने के लिये रणनीति तैयार कर सकते हैं। जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ ट्यूबिंगन के जीव विज्ञानियों का दावा है कि पौधे अपने विरोधियों (आस-पास के दूसरे पौधों) के कद और घनत्व को समझते हैं और अपने बढ़ने के लिये वैकल्पिक प्रतिस्पर्धी मार्ग का चुनाव करते हैं।

कुछ पौधे देते हैं अलग प्रतिक्रिया : इस अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि कुछ पौधे जैसे कि क्लोनल पौधे तीसरी तरह की प्रतिक्रिया दिखाते हैं। इसमें वे अपने पड़ोसी पौधों के बढ़ने की दूसरी दिशा में बढ़ते हैं।

इस तरह किया अध्ययन : नेचर कम्यूनिकेशन नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने एक सेटअप बनाया, जिसमें अलग-अलग तीव्रता की रोशनी आने का विकल्प था। इस प्रयोग के लिये क्लोनल पौधे का प्रयोग किया गया। वैज्ञानिकों ने रोशनी की तीव्रता को कम या ज्यादा करने के लिये हरे रंग का फिल्टर लगाया।

यह जानकारी आई सामने


वैज्ञानिकों के मुताबिक, अध्ययन में सामने आया है कि पौधे विभिन्न संकेतों के जरिए अपने आस-पास मौजूद पौधों के बारे में जानकारी एकत्र करते हैं। जैसे कि वे जिस ओर बढ़ रहे हैं वहाँ प्रकाश की गुणवत्ता कैसी होगी? किस ओर रोशनी कम होगी? बढ़ने के लिये आवश्यक चीजें किस दिशा में कितनी मात्रा में मिल सकेंगी? इन्हीं चीजों का विश्लेषण करके वे निर्णय लेते हैं कि उन्हें किस ओर बढ़ना है।

ये परिवर्तन करके देखें


वैज्ञानिकों ने अध्ययन के दौरान इस फिल्टर को ऊँचाई और घनत्व को कम-ज्यादा करके देखा कि उसका पौधों की वृद्धि पर क्या असर पड़ता है। वे किस प्रकार से चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में स्वयं को जीवित रखते हुए वृद्धि करते हैं।

यह निकाला निष्कर्ष


यूनिवर्सिटी ऑफ ट्यूबिंगन के मीकल ग्रंटमैन के मुताबिक, अध्ययन में सामने आया कि पौधों में भी मनुष्यों की तरह चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को समझने और अपने अनुकूल माहौल को तलाश कर उसके अनुसार खुद को बढ़ाने की क्षमता होती है। वे अपनी वृद्धि और विकास के सम्बन्ध में निर्णय लेने में पूरी तरह से सक्षम होते हैं। साथ ही वे अपने पड़ोसी पौधों के आकार, आयु और घनत्व को भी समझते हैं और उसके अनुसार अपने बढ़ने की रणनीति तैयार करते हैं।