प्राकृतिक शक्तियां/बल (Natural forces)

Submitted by Hindi on Mon, 05/09/2011 - 11:17
भूतल पर परिवर्तन लाने वाली प्राकृतिक शक्तियां जो मानवीय प्रभाव से मुक्त होती हैं। प्राकृतिक शक्तियां अंतर्जात या आंतरिक (endogenetic) और बहिर्जात या बाह्य (exogenetic) दो प्रकार की होती हैं। पृथ्वी के आंतरिक भाग में उत्पन्न बल (शक्तियां) अंतर्जात बल कहलाते हैं। इनके द्वारा दो प्रकार के संचलन (movements) – आकस्मिक (sudden) और पटल विरूपणी (diastrophic) पाये जाते हैं। आकस्मिक संचलन का प्रभाव भूतल पर अचानक तथा तीव्रता से होता है जैसे ज्वालामुखी, भूकम्प आदि। पटलविरूपणी बल मंद गति से क्रियाशील होते हैं और उनका प्रभाव दीर्घकाल में परिलक्षित होता है जैसे पर्वत निर्माण, महाद्वीपों तथा महासागरों की उत्पत्ति। अंतर्जात बल भूतल पर विषमताएं उत्पन्न करते हैं किंतु बहिर्जात बल जो पृथ्वी के बाहर उत्पन्न होते हैं, पृथ्वी पर विषमताओं को दूर करने में क्रियाशील रहते हैं। ये समतल स्थापक होते हैं। बहिर्जात बल के अंतर्गत अपक्षय के कारकों (ताप, जल, तुषार, वनस्पति, जीव-जंतु) तथा अपरदन के प्रक्रमों (नदी, हिमानी, परिहिमानी, पवन, भूमिगत जल, सागरीय लहरों) को सम्मिलित किया जाता है। सूर्य एक प्रधान शक्ति का स्रोत है जो पृथ्वी की अधिकांश शक्तियों (मुख्यतः बाह्य शक्तियों) को उत्पन्न तथा नियंत्रित करता है।

अन्य स्रोतों से




वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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