सलापड़

Submitted by admin on Thu, 12/05/2013 - 10:53
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काव्य संचय- (कविता नदी)
पर कटे पर्वत का
बींधकर उदर
पानी से पानी मिला
घाटी से घाटी

मानसरोवर में जा डूबा
व्यास-कुंड
शतद्रु से जा गले मिली
वत्सला विपाशा

मस्तिष्क के विस्तार में
आदमी के हाथों ने
भविष्य के लिए रचा है
एक और पुराण।

5 नवंबर, 1999, मंडी से मनाली जाते हुए