गंगा के उत्थान के लिये अपने प्राण की आहूति देने का प्रण कर चुके स्वामी ज्ञान स्वरुप सानंद का आमरण अनशन मंगलवार को पाँचवे दिन भी जारी रहा। गंगा के संरक्षण के लिये केन्द्र सरकार द्वारा कोई भी कदम नहीं उठाये जाने के कारण स्वामी सानंद ने उसे आड़े हाथों लिया। मंगलवार को हरिद्वार के मातृ सदन में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि "सरकार केवल वोट बैंक की पॉलिटिक्स कर रही है उसे गंगा मैया के पुनरुद्धार या संरक्षण से कोई मतलब नहीं है। यदि ऐसा होता तो चुनाव में गंगा मैया के नाम पर वोट माँगने वाली यह सरकार उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं करती।"
गौरतलब है कि स्वामी ज्ञान स्वरुप सानंद 22 जून से मातृ सदन में आमरण अनशन पर हैं। उन्होंने गंगा नदी में पानी की मात्रा में लगातार हो रही गिरावट को उजागर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष पत्र के माध्यम से गंगा और उसकी अन्य सहायक नदियों पर उत्तराखण्ड में निर्माणाधीन सभी पनबिजली परियोजनाओं को तत्काल प्रभाव से बन्द करने की माँग रखी थी। लेकिन अनशन शुरू होने के बाद अब तक सरकार की तरफ से कोई उनसे मिलने नहीं आया जबकि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह विगत दिनों उत्तराखंड की यात्रा पर आये थे। गंगा की अनदेखी से दुखी स्वामी सानंद ने कहा कि गंगा भक्ति का राग अलाप कर सरकार केवल पाखण्ड करने के साथ ही लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि "गंगा एक राष्ट्रीय सम्पत्ति होने के साथ देश के तमाम लोगों की आस्था का प्रतीक है उसकी रक्षा हर हाल में होनी चाहिए।"
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