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दैनिक भास्कर (ईपेपर), 12 अप्रैल 2013
200 किसानों की मेहनत लाई रंग, खेतों में अब उग रही फसल, किसानों की आर्थिक स्थिति हुई मजबूत
प्रखंड रायडीह, पंचायत परसा। पूरा क्षेत्र उग्रवाद प्रभावित। जिसके चारों ओर जंगल व पहाड़ हैं। कल तक यहां सिंचाई के लिए पानी की चिंता थी। परंतु 200 किसानों ने सामूहिक पहल से श्रमदान कर छह घंटे में सेमरटोली नदी में बांध बनाकर मिसाल कायम की। किसानों ने नदी के बीच में बांध बनाकर पानी का संग्रह किया। आज श्रमदान से बनाया गया बांध किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। आसपास के 500 एकड़ खेत में सिंचाई के लिए पानी पहुंच रहा है। सिंचाई के लिए खेत को पानी मिलने के बाद अब सभी 200 किसान अब तरबूज, खीरा, कद्दू, टमाटर, भिंडी, बोदी, करेला, झींगी, गरमा धान के अलावा अन्य सब्जी व फसल की खेती कर रहे हैं। किसान इससे खुश हैं। यहां दिलचस्प बात यह है कि किसानों के श्रमदान में परसा के मुखिया इस्माइल कुजूर, पंचायत समिति सदस्य उपमा तिर्की, उपमुखिया एलेश्वर उरांव का भी सहयोग रहा है।
परसा पंचायत की आबादी पांच हजार है। 80 प्रतिशत से अधिक लोग खेती पर निर्भर हैं। परंतु यहां सिंचाई का साधन नहीं है। मनरेगा से कुआं बना है। पर आधा अधूरा है। पानी भी नहीं है। तब किसानों ने फैसला लिया। इसके बाद सेमरटोली नदी के बीच में मिट्टी डालकर बांध बनाया। अभी नदी के बीच काफी पानी है। किसानों के अनुसार बरसात आने तक यह पानी सिंचाई के लिए उपयुक्त है। किसान चैतु उरांव डेढ़ एकड़ खेत में गरमा धान की खेती कर रहा है। कल तक चैतु चिंता में था। क्योंकि खेत होते हुए भी खेती नहीं कर पा रहा था। समस्या थी सिंचाई की। वह लकड़ी बेचकर परिवार का पालन पोषण कर रहा था। परंतु नदी में बांध बनने से खुश है। किसानों ने कहा कि यहां लिफ्ट इरिगेशन है, पर खराब है। इसे ठीक नहीं किया गया है। यहां एक ओर लिफ्ट इरिगेशन बन जाए और पानी संग्रह के लिए नदी के बीच में कुआं, तो सिंचाई की समस्या नहीं होगी। परसा मुखिया इसमाइल कुजूर ने कहा कि पहले से किसान सिंचाई सुविधा की मांग कर रहे हैं। परंतु प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। तब जाकर गांव के सभी किसानों ने नदी में बांध बनाने का निर्णय लिया। बांध से लाभ मिल रहा है।
बुधन उरांव, रंथु उरांव, एतवा उरांव, सहदेव उरांव, मदन उरांव, बुधनू सिंह, दुती उरांव, मंगरा उरांव, बंधना उरांव, मोहन लोहरा, विश्वनाथ उरांव, बरतिया उरांव, अघन उरांव, रामचंद्र बड़ाईक, महेश बड़ाईक, जीतवाहन बड़ाईक, कार्तिक उरांव परसा पंचायत के सफल किसान हैं।
प्रखंड रायडीह, पंचायत परसा। पूरा क्षेत्र उग्रवाद प्रभावित। जिसके चारों ओर जंगल व पहाड़ हैं। कल तक यहां सिंचाई के लिए पानी की चिंता थी। परंतु 200 किसानों ने सामूहिक पहल से श्रमदान कर छह घंटे में सेमरटोली नदी में बांध बनाकर मिसाल कायम की। किसानों ने नदी के बीच में बांध बनाकर पानी का संग्रह किया। आज श्रमदान से बनाया गया बांध किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। आसपास के 500 एकड़ खेत में सिंचाई के लिए पानी पहुंच रहा है। सिंचाई के लिए खेत को पानी मिलने के बाद अब सभी 200 किसान अब तरबूज, खीरा, कद्दू, टमाटर, भिंडी, बोदी, करेला, झींगी, गरमा धान के अलावा अन्य सब्जी व फसल की खेती कर रहे हैं। किसान इससे खुश हैं। यहां दिलचस्प बात यह है कि किसानों के श्रमदान में परसा के मुखिया इस्माइल कुजूर, पंचायत समिति सदस्य उपमा तिर्की, उपमुखिया एलेश्वर उरांव का भी सहयोग रहा है।
किसानों ने इस प्रकार लिया फैसला
परसा पंचायत की आबादी पांच हजार है। 80 प्रतिशत से अधिक लोग खेती पर निर्भर हैं। परंतु यहां सिंचाई का साधन नहीं है। मनरेगा से कुआं बना है। पर आधा अधूरा है। पानी भी नहीं है। तब किसानों ने फैसला लिया। इसके बाद सेमरटोली नदी के बीच में मिट्टी डालकर बांध बनाया। अभी नदी के बीच काफी पानी है। किसानों के अनुसार बरसात आने तक यह पानी सिंचाई के लिए उपयुक्त है। किसान चैतु उरांव डेढ़ एकड़ खेत में गरमा धान की खेती कर रहा है। कल तक चैतु चिंता में था। क्योंकि खेत होते हुए भी खेती नहीं कर पा रहा था। समस्या थी सिंचाई की। वह लकड़ी बेचकर परिवार का पालन पोषण कर रहा था। परंतु नदी में बांध बनने से खुश है। किसानों ने कहा कि यहां लिफ्ट इरिगेशन है, पर खराब है। इसे ठीक नहीं किया गया है। यहां एक ओर लिफ्ट इरिगेशन बन जाए और पानी संग्रह के लिए नदी के बीच में कुआं, तो सिंचाई की समस्या नहीं होगी। परसा मुखिया इसमाइल कुजूर ने कहा कि पहले से किसान सिंचाई सुविधा की मांग कर रहे हैं। परंतु प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। तब जाकर गांव के सभी किसानों ने नदी में बांध बनाने का निर्णय लिया। बांध से लाभ मिल रहा है।
सफल किसानों के नाम
बुधन उरांव, रंथु उरांव, एतवा उरांव, सहदेव उरांव, मदन उरांव, बुधनू सिंह, दुती उरांव, मंगरा उरांव, बंधना उरांव, मोहन लोहरा, विश्वनाथ उरांव, बरतिया उरांव, अघन उरांव, रामचंद्र बड़ाईक, महेश बड़ाईक, जीतवाहन बड़ाईक, कार्तिक उरांव परसा पंचायत के सफल किसान हैं।