किसी क्षेत्र के अपरदन चक्र की प्रौढ़ावस्था जिसमें नदी घाटियां पूर्णरूप से विकसित होती हैं और प्रमुख नदी अपने आधार तल को प्राप्त कर लेती हैं तथा उसके अपरदन एवं निक्षेपण क्रियाओं में संतुलन स्थापित हो जाता है। इस प्रकार समस्त भूखंड लगभग समतल हो जाता है तथा मुख्य नदी प्रवणित (graded) हो जाती है। बड़े-बड़े नदी विसर्पों, गोखुर झील, विस्तृत बाढ़ के मैदानों आदि की उपस्थिति स्थलाकृतिक प्रौढ़ता के प्रतीक होते हैं।
अन्य स्रोतों से
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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