शूट द एनिमल्स

Submitted by Hindi on Fri, 10/14/2011 - 16:05
Source
दैनिक जागरण- जोश

फोटोग्राफी में कैरियरफोटोग्राफी में कैरियरफिल्म थ्री इडियट्स के फरहान से सभी परिचित होंगे। पेरेंट्स के दबाव के चलते इंजीनियरिंग पढ़ने आए फरहान को वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बनने का शौक था और इसी शौक के चलते उसने इंजीनियरिंग जैसे स्वर्णिम कैरियर को लात मार दी। हालांकि रील और रीयल लाइफ में काफी अंतर होता है, लेकिन फरहान गलत नहीं था, हमारी प्रकृति है ही इतनी सुंदर कि उसकी हर छटा हर किसी का मन मोह लेती है। आज फरहान जैसे अनेक युवा हैं जो प्रकृति की गोद में पलने वाले खूबसूरत जीव-जंतुओं को अपने कैमरे में शूट करने का प्रोफेशन अपना चुके हैं। हालांकि वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बनना इतना आसान नहीं है।

 

 

आकर्षक प्रोफेशन


फोटोग्राफी संचार का ऐसा एकमात्र माध्यम है, जिसमें भाषा की जरूरत नहीं होती। शायद ठीक ही कहा जाता है कि एक फोटो दस हजार शब्दों के बराबर होता है। फोटोग्राफी एक कला है जिसमें विजुअल कमांड के साथ-साथ तकनीकी ज्ञान भी जरूरी है और इस कला को वही समझ सकता है, जिसे मूक भाषा आती हो। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी एक ऐसा ही फील्ड है जहां एक तरफ जंगल का रोमांच है तो वहीं दूसरी तरफ खतरे भी कम नहीं हैं। इसे कैरियर चुनने से पहले वाइल्ड लाइफ के नियम-कायदों की जानकारी होना भी बेहद जरूरी है, पर इससे भी ज्यादा जरूरी है क्रिएटिविटी। अगर आपके पास अच्छे कैमरा इंस्ट्रूमेंट्स हैं लेकिन रचनात्मकता का अभाव है तो इस क्षेत्र में महारत हासिल करना बेहद मुश्किल है।

 

 

 

 

रोमांच का पैशन


बंगलुरु के रहने वाले कम्प्यूटर इंजीनियर प्रमोद विश्वनाथ के मुताबिक 2006 उन्हें अपने दोस्तों के साथ कर्नाटक के केमांगुंडी के जंगलों में जाने का मौका मिला। प्रमोद बताते हैं कि उसी दिन के बाद से पहाड, जंगल और जंगली जानवर उनकी जिंदगी में बस गए। प्रमोद ने अपने पुराने काम को छोड़कर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बनने की ठान ली। प्रमोद बताते हैं कि अब उन्हें जंगल लाइफ के अलावा कुछ नहीं सूझता। प्रमोद बताते हैं कि नौकरी के दौरान की अपनी सेविंग से उन्होंने एक डिजिटल एसएलआर खरीदा और अपने शौक को अंजाम देना शुरू कर दिया। बाद में प्रमोद ने अपनी एक वेबसाइट भी शुरू कर दी। जो युवा इस क्षेत्र मे अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उन्हें पहले साधारण फोटोग्राफी के गुर सीखना बेहद जरूरी है।

 

 

 

 

मुश्किलें हैं तो कामयाबी भी


इस कैरियर में खुद को स्थापित करने के लिए संघर्ष तो जरूरी है ही, साथ ही जंगली जानवरों से भी दो-चार होना पड़ सकता है। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी में अगर शोहरत है तो जान का जोखिम भी बहुत है। अक्सर कई ऐसे वाकये पढ़ने में आते हैं जब फोटोग्राफी के दौरान फोटोग्राफर की जान पर बन आई। एक प्रसिद्ध फोटोग्राफर ब्लॉग पर अपना अनुभव बताते हैं कि डॉक्यूमेंट्रीज या फोटोग्राफ्स में जानवरों को शिकार करते हुए या उन्हें जंगल में घूमते हुए देखना हर किसी को रोमांचित करता है। कुछ साल पहले जब वह वन अधिकारियों के साथ एक पैंथर को शूट कर रहे थे तो गलत रास्ते से जाने के कारण वे उसी प्लेटफॉर्म पर पहुंच गए, जिस पर पैंथर बैठा था। कैमरा देखते ही पैंथर ने उन पर वार्निग अटैक किया।

 

 

 

 

चुनौतियां नहीं हैं कम


इस क्षेत्र में पेशेंस की बेहद जरूरत है, क्योंकि इसमें आने के बाद आप अपने मनमुताबिक नहीं चल सकते। प्रमोद बताते हैं कि कई बार उन्हें रात में भी शूटिंग करनी पड़ती है। वह बताते हैं कि एक बार वह एक दुर्लभ प्रजाति के उल्लू की फोटोग्राफी करने गए थे। अपनी आदत के मुताबिक उल्लू रात में शिकार करता है तो उन्हें इसके लिए अक्सर रात में जाना पड़ता था और उसे ढूंढ़ने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। प्रमोद के मुताबिक उस उल्लू को शूट करने में उन्हें तकरीबन पांच हफ्ते का वक्त लग गया।

 

 

 

 

आवश्यक योग्यता


बारहवीं या ग्रेजुएशन करने के बाद इस क्षेत्र में प्रवेश किया जा सकता है। फोटोग्राफी का कोर्स सरकारी और निजी स्तर पर कई संस्थान कराते हैं। एक अच्छा वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बनने के लिए बेसिक फोटोग्राफी की जानकारी होना बेहद जरूरी है। हालांकि एक साधारण डिजिटल कैमरा लेकर शौकिया तौर पर शुरुआत की जा सकती है। एक-दो साल का अनुभव हो जाने के बाद डिजिटल एसएलआर खरीद कर प्रोफेशनल एंट्री की जा सकती है।

 

 

 

 

विदेश में शिक्षा


एक बार बेसिक कोर्स करके और कुछ अनुभव हासिल करके विदेश का रुख किया जा सकता है। कई विदेशी विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में विशेषज्ञता कराते हैं जिन्हें करने के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम और दाम दोनों हासिल किए जा सकते हैं। इसके लिए इंटरनेट पर जाकर विदेशी विश्वविद्यालयों की जानकारी हासिल की जा सकती है।

 

 

 

 

कोर्स और संस्थान


फोटोग्राफी में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट दो तरह के कोर्स कराए जाते हैं। प्रमुख संस्थानों के नाम इस प्रकार हैं :-

इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर डेवलेपमेंट इन एजुकेशन एंड एडवांस्ड स्टडीज, अहमदाबाद
वेबसाइट : http://www.iideas.in

जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
वेबसाइट : http://www.jntu.ac.in

कॉलेज ऑफ आर्ट्स, तिलक मार्ग, दिल्ली
एजेके मास कम्युनिकेशन सेंटर, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली,
वेबसाइट : http://ajkmcrc.org/

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद,
वेबसाइट : www.nid.edu

श्री अरबिन्दो इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली,
वेबसाइट : www.sac.ac.in

सेंटर फॉर रिसर्च इन आर्ट ऑफ फिल्म्स ऐंड टेलीविजन (क्राफ्ट), 272, फ‌र्स्ट फ्लोर, नाहरपुर, सेक्टर-7, रोहिणी, दिल्ली-85, फोन : 011-32416868, 32916868
वेबसाइट : www.log2craft.org

क्रिएटिव हट, अहमदाबाद
वेबसाइट : http://creativehut.org/

दिल्ली स्कूल ऑफ फोटोग्राफी
वेबसाइट : http://www.delhischoolofphotography.com

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फोटोग्राफी, मुंबई
वेबसाइट : http://photoinstitutenip.com/

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
वेबसाइट : www.ddugu.edu.in

 

 

 

 

आकर्षक आमदनी


अभी तक यह क्षेत्र हमारे देश में ज्यादा पॉपुलर नहीं था तो कमाई के साधन भी सीमित थे, लेकिन ग्लोबलाइजेशन के बाद अब इस क्षेत्र में अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। फ्रीलांसिंग में अच्छा स्कोप है। दिल्ली स्थित क्राफ्ट के डायरेक्टर नरेश शर्मा कहते हैं कि एक अनुभवी वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर प्रतिमाह आसानी से एक लाख रुपए कमा सकता है। किसी संस्थान से जुड़ने पर आसानी से 10 से 20 हजार रुपए प्रतिमाह की कमाई हो सकती है। इसके अलावा कुछ सीनियर फोटोग्राफर्स भी अपने असिस्टेंट रखते हैं, जो न केवल सिखाते हैं बल्कि 10-12 हजार रुपए का स्टाइपेंड भी देते हैं।

 

 

 

 

रोजगार अवसर


देशी-विदेशी वाइल्ड लाइफ और नेचर मैगजीनों में वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफ्स की मांग हमेशा बनी रहती है। इसके अलावा वन्य जीवों पर काम करने वाले कई संस्थान भी वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर्स को हॉयर करते हैं। नेशनल ज्योग्राफिक, डिस्कवरी और एनीमल प्लेनेट जैसे चैनल भी वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर्स को फोटोग्राफ्स के लिए अनुबंधित करते हैं। एडफिल्में बनाने वाली कंपनियां को भी वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर्स की हमेशा जरूरत रहती है।

 

 

 

 

जुनून और पेशेंस जरूरी

 

 

 

वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर के रूप में क्या-क्या चुनौतियां हैं?


इस क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती है अपडेशन की। आपको फोटोग्राफी के नए-नए टूल्स और लेंसों से खुद को अपडेट रखना होगा। सही व्यू का चुनाव भी बेहद आवश्यक है। अच्छी फोटो के लिए इंतजार भी एक अहम चुनौती है, जो एक दिन से लेकर सालों का हो सकता है।

 

 

 

एक अच्छा फोटोग्राफर बनने के लिए कौन-कौन से गुण होने चाहिए?


सफल वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है अच्छी आंख, जो प्रकृति की सुंदरता पहचान सके।

 

 

 

 

कौन-कौन से कोर्स उपलब्ध हैं?


किसी भी सरकारी या निजी संस्थान से फोटोग्राफी का कोर्स करने के बाद इस क्षेत्र में प्रवेश किया जा सकता है। हालांकि भारत में अभी इस क्षेत्र के लिए कोई स्पेशलाइज्ड कोर्स उपलब्ध नहीं है। देश-विदेश के जाने-माने वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर अक्सर वर्कशॉप आयोजित करते रहते हैं। उनमें हिस्सा लेकर अपने कैरियर को निखारा जा सकता है।

 

 

 

 

इसमें कमाई का क्या सीन है?


बतौर फ्रीलांसर कॉरपोरेट, वाइल्ड लाइफ मैगजीन्स, नेचर-वाइल्ड लाइफ प्रोड्यूसर्स और टीवी चैनलों के साथ जुड़ा जा सकता है। इसके अलावा काफी चैनल और मैगजीन्स अपने यहां पेड वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर भी रखते हैं।

 

 

 

 

भावी फोटोग्राफर्स को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?


यहां आपको नाम और दाम दोनों मिल सकते हैं। साथ ही पूरी दुनिया घूमने के साथ-साथ वहां की प्रकृति और वन्य जीवन को अपने कैमरे में शूट करने का भी मौका मिलता है।

(अंबर नेशनल ज्योग्राफिक, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और डब्ल्यूसीएस के साथ भी जुड़े रहे हैं। उनके कुछ चित्रों को लंदन की अर्थगैलरी ने अपने संग्रह में शामिल किया है)

देश के जाने-माने वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर और टाइगर एक्टिविस्ट अंबर शर्मा से एक्सक्लूसिव बातचीत

 

 

 

 

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