वाकई में धरती अपने अंदर रहस्यों का पुलिंदा छुपाए हुए है। ऐसे तमाम अनगिनत रहस्य हैं, जिन्हें आसानी से नहीं जाना जा सकता है। पृथ्वी के भीतर छुपे कुछ प्रतिशत प्राकृतिक संशाधनों से ही आम लोग परिचित हैं। यदि आप पृथ्वी के छुपे रहस्य एवं उनसे होने वाले फायदों को जानना चाहते हैं, तो जियोलॉजी का गहन अध्ययन करना पड़ेगा।
क्यों है महत्वपूर्ण
पृथ्वी का अध्ययन जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है। जमीन के अंदर किस तरह की हलचल हो रही है, मिट्टी कैसी है और जमीन के अंदर किस तरह के बहुमूल्य खनिज पदार्थ पाए जाते हैं, इन सब तथ्यों की जानकारी हमें जियोलॉजी के द्वारा ही मिल सकती है। हाल के वर्षों में ऊर्जा की बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए भूमि के अंदर छिपे तेल व गैस को खोजने की प्रक्रिया में काफी तेजी आई है। इसके अतिरिक्त भारत के अनेक शहरों में भूमिगत परिवहन सेवा तथा फ्लाई ओवर बनाए जा रहे हैं, जिसके चलते भी प्राइवेट और सरकारी तेल व खनन कंपनियों में जियोलॉजिस्ट की डिमांड बढ़ी है। जियोलॉजिस्ट प्राकृतिक आपदाओं और पर्यावरण का आकलन करने के साथ पृथ्वी में छुपी खनिज सम्पदा, पुलों, सड़कों, इमारतों और रेलवे लाइन बिछाने के समय उपयुक्त जगह चिह्नित करते हैं। इतना ही नहीं, भू-भौतिक व रासायनिक परीक्षण करके मिट्टी की गुणवत्ता निर्धारित करते हैं। देश के कई विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों में जियोलॉजी का अध्ययन कर पृथ्वी के भीतर छुपे रहस्यों का अनुमान लगाया जा सकता है। अगर आप जियोलॉजी से ग्रेजुएशन एवं पोस्टग्रेजुएशन कर लेते हैं, तो आपके लिए देश ही नहीं विदेशों में भी बेहतर सैलरी पर नौकरियों की कोई कमी नहीं है।
शैक्षिक योग्यता
देश के विभिन्न संस्थानों में जियोलॉजी यानी भूगर्भ विज्ञान से स्नातक करने के लिए कैंडिडेट्स को पीसीएम के साथ 10+2 होना अनिवार्य है। जियोलोजी से स्नातक करने वाले कैंडिडेट्स एमए, एमएससी इन जियोलॉजी करने के योग्य हैं। जियोलॉजी से पीएचडी वही कर सकता है, जिसने माइक्रोबायोलॉजी में पोस्टग्रेजुएशन किया हो और यूजीसी द्वारा निर्धारित मानक पूरे करता हो। इसके अलावा स्टूडेंट्स जेईई में अच्छी रैंक लाने के बाद आईआईटी खड़गपुर से बीटेक की डिग्री हासिल कर सकते हैं। ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट यानी गेट के बाद जियोलॉजी एवं जियो फिजिक्स से एमटेक भी किया जा सकता है।
कैसे लें एंट्री
जियोलॉजी से स्नातक, परास्नातक, डॉक्टरेट एवं बीटेक व एमटेक में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालयों, कॉलेजों एवं संस्थानों के अलग-अलग मानक हैं। इसमें एंट्री के लिए प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं जिसमें सफल कैंडिडेट्स को मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। जियोलॉजी से ग्रेजुएशन कराने के लिए विश्वविद्यालय जहां प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करते हैं, वहीं आईआईटी खड़गपुर से बीटेक करने के लिए जेईई में अच्छी रैंक लानी होती है। इसलिए कैंडिडेट्स की बारहवीं के पाठ्यक्रम पर कमांड होना चाहिए। एग्जाम में पूछे जाने वाले प्रश्न इंटरमीडिएट स्टैंडर्ड के होते हैं।
कैरियर की संभावनाएं
देश-विदेश में जियोलॉजी से स्नातक, परास्नातक एवं पीएचडी करने वाले कैंडिडेट्स की खूब डिमांड है। जियोलॉजी के स्टूडेंट्स के लिए अनुसंधान, शिक्षण, औद्योगिक भूवैज्ञानिक एजेंसियों, कृषि, वन सेवा, पर्यावरण, अंतरिक्ष, समुद्रीय प्रशासन में कैरियर उपलब्ध है। जियो साइंटिस्ट शोधकर्ता, शिक्षक और लेखक के रूप में कैरियर बना सकता है। यूपीएससी इसके लिए हर वर्ष परीक्षा लेती है। आप इससे संबंधित प्रतियोगी परीक्षा पास करके कैरियर बना सकते हैं। इसके अलावा भू विज्ञान की शिक्षा देने वाले संस्थानों में जियोलॉजी स्कॉलर की नियुक्ति उसकी योग्यता के अनुसार महत्वपूर्ण पदों पर होती है। इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण पद हैं :
एटमॉस्फेरिक साइंटिस्ट :-
जियो साइंटिस्ट एटमॉस्फेरिक साइंटिस्ट के रूप में मौसम का अध्ययन कर प्रदूषण से होने वाले जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभाव का अध्ययन करते हैं।
इकोनॉमिक जियोलॉजिस्ट :-
यह मेटालिक एवं नॉन मेटालिक धातुओं को खोजने के साथ खनन से निकलने वाले अपशिष्ट से पर्यावरण की रक्षा करता है।
इंजीनियरिंग जियोलॉजिस्ट :-
ये उन भौगोलिक तथ्यों का अध्ययन करते हैं, जो पुलों, इमारतों, हवाई अड्डों, बांधों आदि को प्रभावित करते हैं।
एन्वॉयरनमेंटल जियोलॉजिस्ट :-
ये लोग मानवीय गतिविधियों पर पड़ने वाले विभिन्न भौगोलिक प्रभावों का पता लगाते हैं। ये प्रदूषण, शहरीकरण आदि से होने वाली समस्याओं का समाधान भी खोजते हैं।
चुनौतियां
इस क्षेत्र में उसी को कदम रखना चाहिए जिसे धरती के गर्भ में छुपे रहस्यों को परत दर परत खोलने की जिज्ञासा हो। इसके लिए करनी होगी कड़ी मेहनत और बनना होगा दृढ़प्रतिज्ञ। यदि आपमें चुनौतियां स्वीकारने की क्षमता है तभी आप समाज को कुछ दे पाएंगे। एक भूवैज्ञानिक केवल पृथ्वी के भीतर घटित हो रही घटनाओं की भविष्यवाणी ही नहीं करता है, बल्कि पेट्रोलियम आपूर्ति, पानी के प्राकृतिक संसाधनों तथा मिट्टी संरक्षण के साथ कृषि उत्पादकता को बनाए रखने के लिए कृत संकल्प रहता है।
कहां से करें कोर्स
दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
लखनऊ यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ
आईआईटी, खड़गपुर
पटना यूनिवर्सिटी, बिहार
रांची यूनिवर्सिटी रांची, बिहार
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, मध्यप्रदेश
पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़
यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर, श्रीनगर