Son River in Hindi / सोन नदी

Submitted by Hindi on Fri, 12/24/2010 - 11:31
सोन नदीसोन नदीअमरकंटक पहाड़ी से निकली सोन नदी मध्यप्रदेश तथा बिहार में बहती हुई पटना में गंगा में समाहित हो जाती है। इसे स्वर्ण नदी भी कहा जाता है। इसकी सहायक रिहन्दी नदी पर बना रिहन्द बांध काफी उपयोगी है। कुल 700 किलोमीटर बहकर यह गंगामय हो जाती है।

• सोन नदी का उदगम मैकाल पर्वत के अमरकण्टक नामक पठारी भाग से है। इसे सोनभद्र के नाम से पुकारा जाता है।
• सोन नदी का एक अन्य नाम हिरण्यवाह भी है।
• यह नदी झारखण्ड के उत्तरी-पश्चिमी छोर पर सीमा का निर्माण करती है।
• यह पलामू की उत्तरी सीमा बनाती हुई प्रवाहित होती है।
• सोन घाटी भौगर्भिक तौर पर दक्षिण-पश्चिम में नर्मदा नदी घाटी का लगभग अनवरत विस्तार है।
• यह गंगा की प्रमुख दक्षिणी सहायक नदी है। इसका उद्गम स्थल मध्य प्रदेश राज्य है।
• इसका ज़्यादातर हिस्सा वनाच्छादित है और जनसंख्या कम है।
• यह घाटी कैमूर पर्वतश्रेणी (उत्तर) और छोटा नागपुर (दक्षिण) से घिरी हुई है।
• मौसमी (बरसाती) नदी होने के कारण यह परिवहन की दृष्टि से महत्त्वहीन है।
• इसकी अनेक सहायक नदियाँ हैं, जिसमें दो मुख्य हैं।

1. रिहन्द
2. कुनहड
• यह मानपुर तक उत्तर की ओर बहने के बाद पूर्वोतर दिशा में मुड़ती है।
• यह नदी मिर्ज़ापुर ज़िले के दक्षिणी भाग से प्रवाहित होती है और पटना से पहले दीनापुर से 16 किमी. ऊपर गंगा नदी से मिल जाती है।
• इसकी कुल लम्बाई 780 किमी. है।
• सोन नदी की कुछ सहायक नदियों पर बांध बनाए गए है और उत्तर प्रदेश में 'डेहरी ऑन सोन नहर प्रणाली' के आरंभिक स्थल है।

Hindi Title

सोन नदी


विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)
सोन नदी भारत के मध्य प्रदेश राज्य से निकल कर उत्तर प्रदेश, झारखंड के पहाड़ियों से गुजरते हुए वैशाली जिले के सोनपुर में जाकर गंगा नदी में मिल जाती है। यह बिहार की एक प्रमुख नदी है। इस नदी का नाम सोन पड़ा क्योंकि इस नदी के बालू (रेत) पीले रंग के हैँ जो सोने कि तरह चमकते हैँ। इस नदी के रेत भवन निर्माण आदी के लिए बहुत उपयोगी हैं यह रेत पूरे बिहार में भवन निर्माण के लिए उपयोग में लाया जाता है तथा यह रेत उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में भी निर्यात किया जाता है। गंगा और सोन नदी के संगम स्थल सोनपुर में एशिया का सबसे बड़ा सोनपुर पशु मेला लगता है।