गंगा रक्षा के लिए तपस्या कर रहे मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती की शनिवार रात अचानक तबीयत बिगड़ गई। वह करीब 10 मिनट तक अचेत पड़े रहे। उन्हें कई बार उल्टियां भी हुई, लेकिन उन्होंने तप जारी रखा। कहा कि गंगा रक्षा के लिए अब उनका बलिदान होगा।
जगजीतपुर स्थित मातृसदन आश्रम में दस मार्च से परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ब्रह्मलीन पूर्व प्रोफेसर ज्ञान स्वरूप सानंद के गंगा रक्षा संकल्प को पूरा कराने के लिए तप कर रहे हैं। शनिवार रात 12 बजे के आस-पास उन्होंने लघुशंका के लिए उठना चाहा, लेकिन वह बेहोश हो गए। इसके बाद ब्रह्मचारी दयानंत कक्ष में पहुंचे और उन्हें संभाला। मातृसदन के स्वामी पुण्यानंद ने बताया कि उन्हें कई बार उल्टियां भी हुई। उधर, उनका तप रविवार को भी छठवें दिन जारी रहा। स्वामी शिवानंद ने कहा कि अब अगर गंगा रक्षा के लिए किसी का बलिदान होता है तो वह केवल उनका होगा। कहा कि वह अपनी आत्मा को परमात्मा को विलीन करने के लिए तप कर रहे हैं, क्योंकि भ्रष्ट शासन-प्रशासन से उन्हें गंगा रक्षा के लिए कोई उम्मीद नहीं है।